जाने पेट संबंधी रोगों का रामबाण इलाज

योग अपनाये सुंदर जीवन पायें :मंडूकासन : पेट संबंधित समस्याओ के लिए योग :जानिये इसके अन्य लाभ और विधि_*
Dr Rao P Singh
मंडूकासन दो शब्द से मिलकर बना है। मंडूक जिसका अर्थ होता है मेंढक एवं आसन का मतलब होता है योगाभ्यास। इस आसन के करते समय शरीर मेंढक के जैसा प्रतीत होता है इसलिय इसको मंडूकासन के नाम से पुकारा जाता है। यह Frog Pose के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन उदर से संबंधित विभिन्य रोगों के समाधान के लिए अहम भूमिका निभाता है।
मंडूकासन के लाभ
मंडूकासन पेट में अच्छा खास दबाब डालता है और इस आसन को ज़्य़ादा समय तक बनाये रखने से पेट की चर्बी गलने में मदद मिलती है।
उदर पेट से संबंधित रोगों के लिए मंडूकासन अति उत्तम योगाभयास है।
इस से पैंक्रियास से इन्सुलिन का स्राव में मदद मिलती है जिससे डायबिटीज या मधुमेह को बहुत हद तक रोक जा सकता है।
मंडूकासन कब्ज एवं अपच से काफ़ि लाभदायक है । इस योगाभ्यास से एंजाइम एवं हॉर्मोन का ठीक तरह से स्राव होने लगता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है और कब्ज एवं अपच जैसी परेशानियों से आपको निजात दिलाता है।
पेट में तरह तरह के टॉक्सिन्स एवं जहरीली गैसें को निकालने के लिए मंडूकासन ठीक हैं। इस आसन के अभ्यास से आप अपने उदर से जहरीले गैस को आसानी से निकाल सकते हैं।
मंडूकासन विधि
सबसे पहले आप समतल जमीन पर स्वच्छ आसन बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं।
अब आप मुठ्ठी बांधे और इसे आपने नाभि के पास लेकर आएं।
मुट्ठी को नाभि एवं जांघ के पास ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो और ऊँगलियाँ आपके उदर के तरफ हो।
सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे।
आप इस तरह से आगे झुकें कि नाभि पर ज़्य़ादा से ज़्य़ादा दबाब आए।
सिर और गर्दन उठाए रखें, दृष्टि सामने रखें।
धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े और यथासंभव इस स्थिति को बनाये रखें।
फिर सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आएं और आराम करें।
यह एक चक्र हुआ।
आप शुरुवाती दौड़ में इसे 3-5 बार कर सकते हैं।
मंडूकासन की सावधानिया
उच्च रक्तचाप वालों को यह आसन नहीं करनी चाहिए।
अगर पीठ में दर्द हो तो इस आसन के करने से परहेज करे
नाभि की समस्या होने पर भी इस को न करें।
पेट में अगर कोई विकार या ऑपरेशन हुआ हो तो इस आसन को न करें