संवाद से समाधन की नीति हमारी परम्परा *प्रो पूनम टंडन

*संवाद से समाधन की नीति हमारी परम्परा *प्रो पूनम टंडन*
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
*अतिथी ने शोध संकलन से संबंधित पुस्तक का किया विमोचन*
रुद्रपुर ,देवरिया रामजी सहाय पी जी कालेज मे आई सी एच आर नयी दिल्ली द्घारा अनुदानित ”ऐतिहासिक स्थलों का अन्वेषण:भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉक्टर बालमुकुंद पांडे वह कुलपति पूनम टण्डन ने दीप प्रज्वलित कर किया जहा माँ सरस्वती व स्व सहाय जी के चित्र पुष्प अर्पित किया
कालेज के प्राचार्य प्रो बृजेश कुमार पाण्डेय ने अतिथियों का माल्यापर्ण कर स्वागत करते हुये प्रतीक चिन्ह प्रदान किया,
इस अवसर पर शोध संकलन से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी हुआ
गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टण्डन ने कहा कि रुद्रपुर जैसे सुदूर क्षेत्र में सीमित संसाधनों के बावजूद ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी आयोजित करना अपने आप मे एक चुनौती पूर्ण कार्य है जिसके लिए महाविद्यालय बधाई का पात्र हैं अन्य महाविद्यालयों के साथ- साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों को भी ऐसे ही संगोष्ठी के आयोजन करने चाहिए
उन्होंने शोध पर बल देने की बात करते हुये कहा कि मेरे दरवाजे छात्रों और प्राध्यापकों के लिए हमेशा खुले हैं, मैं संवाद से समाधान की नीति में विश्वास रखती हूँ,
अतिथि डॉ बाल मुकुंद पाण्डेय ने कहा भारतीय दृष्टि से ही भारतीय इतिहास का उचित मूल्यांकन संभव है, ग्रंथ इतिहास नही बल्कि साहित्य है, परंतु साहित्य के बैगेर इतिहास संभव नही है.भारतीय इतिहास की औपनिवेशिक और वामपंथी व्याख्या नही की जा सकती.
प्रो.राजवंत राव, आचार्य ने कहा कि सरयू गंडक के बीच का स्थान सांस्कृतिक तौर पर सम्पन्न है,ईरानी और भारतीय संस्कृति की संगम स्थली है, बहिर्गमन और आब्रजन शोध का विषय है डॉ .ओम जी उपाध्याय ने कहा कि.हमे पूर्वी उ प्र के अतीत पर गर्व की अनगिनत वजहें हैं,2020 नई शिक्षा नीति में भारत को विश्व गुरु कहकर संबोधित किया गया,भारतीय ज्ञान परम्परा का सार सत्यम शिवम सुंदरम है ह प्रो .ओ पी श्रीवास्तव प्रयागराज ने कहा कि इतिहास के निहितार्थ को समझना जरूरी है ताकि इतिहास को प्रवचन होने से बचाया जा सके,केवल दावे न किया जाये, किताबे भी लिखी जाए,इतिहास पुनर्लेखन की जरूरत है,
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से प्रो.ममता मणि त्रिपाठी, प्रो.मधु मिश्रा, प्रो.राकेश पाण्डेय,प्रो.ब्रह्मानंद सिंह,प्रो.अजय मिश्र, ,प्रो,.के .डी. तिवारी, प्रो.श्री प्रकाश मिश्र, प्रो.नाजिश बानो, प्रो लोकेश त्रिपाठी, प्रो शैलेंद्र राव, प्रो भूपेश मणि त्रिपाठी,प्रो संतोष यादव, डॉ चंद्रभान वर्मा,डॉ राम निरंकार त्रिपाठी,डॉ सुकेश पाण्डेय,डॉ सज्जनलाल गुप्त, डॉ नरेंद्र शर्मा डॉ गौरव पाण्डेय,डॉ विमल कुमार, डॉ बृजेश कुमार,डॉ आनंद,डॉ शरद वर्मा,डॉ अजय पाण्डेय,डॉ रेखा पांडे,डॉ सुधीर श्रीवास्तव, डॉ सुधीर दीक्षित,डॉ दिव्या त्रिपाठी, डॉ विनीता दीक्षित, डॉ धीरज कुमार,मुकेश चौधरी,शीतल कुमार,संजय कुमार सहित तमाम प्राध्यापकों, पत्रकार गण, शोधकर्ताओं सहित छात्र-छात्राओं उपस्थित थी संचालन संयोजक डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार ने किया!