महाभारत काल से शुरू हुई छठ पर्व की पूजा

महाभारत काल से शुरू हुई छठ पर्व की पूजा
आचार्य अजय शुक्ल
17 नवम्बर से शुरू होकर 20 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगा छठ पर्व का समापन
सलेमपुर, देवरिया।उत्तर प्रदेश , विशेष रूप से बिहार,झारखंड व अब तो लगभग पूरे देश का प्रमुख पर्व छठ पूजा इस बार 17 नवम्बर नहाय खाय के साथ शुरू होकर 20 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होगा।उक्त बातें बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि इस पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुआ है।सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करते हुए की थी।वह भगवान सूर्य के कृपा से ही महान योद्धा बने थे। वहीं जब पांडव जुआ खेलते हुए अपना राजपाट हार गए तो उनकी पत्नी द्रौपदी ने इस संकट से उबरने के लिए सूर्य देव की उपासना की थी।लोक परम्परा के अनुसार सूर्य देव व छठी मइया का सम्बंध भाई बहन का है।इसलिए छठ पर्व पर सूर्य की पूजा अर्चना शुभ फल प्राप्त करने वाला होता है। इस साल पर्व की शुरुआत 17 नवम्बर को शुभ मुहूर्त नहाय खाय के सूर्योदय के समय सुबह 6 बजकर 45 मिनट व सूर्यास्त 5 बजकर 27 मिनट को व खरना 18 नवम्बर को सूर्योदय प्रातः 6-46 व सूर्यास्त सायं 5- 26बजे और 19 नवम्बर को संध्या अर्घ्य 5 -25 बजे को देने के बाद 20 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस महान पर्व का समापन होगा। यह पर्व परिवार के सुख समृद्धि व संतान सुख का व्रत है।इस व्रत में साफ सफाई व पवित्रता बहुत ही आवश्यक है।यह पर्व हमें प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश देता है, इस पर्व में इस समय उगने व पैदा होने वाले फल ,सब्जी का प्रयोग पूजन में किया जाता है।