नए साल पर यूपी सरकार ने दी गरीबों को सौगात
 
                नए साल पर यूपी सरकार ने दी गरीबों को सौगात
उत्तर प्रदेश सरकार नए नए वर्ष पर गरीबों के लिए कई योजनाएं चालू करने जा रही है

जिसका लक्ष्य है समाज के हर एक व्यक्ति के पास इन योजनाओं को पहुंचाना है ।सरकार समाज के सबसे वंचित वर्ग को एक बड़ी सौगात देने की तैयारी में है. यह सौगात होगी किसी व्यक्ति की तीन आवश्यक जरूरतों में से रोटी, कपड़ा और मकान में से मकान की. सरकार की योजना इस वर्ग को एक साथ 7.5 लाख पीएम (प्रधानमंत्री) आवास योजना (PMAY) देने की है. इस बाबत होने वाले वर्चुअल कार्यक्रम (Virtual Programme) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी मौजूद रह सकते हैं.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री आवास देने के मामले में यूपी UP नंबर एक पर है. अब तक पूरे देश में इस योजना के तहत उपलब्ध कराए गए करीब दो करोड़ आवासों के लाभार्थी परिवारों में से 30 लाख परिवार उत्तर प्रदेश के ही हैं. मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि एक अपना घर होना हर व्यक्ति का मूल अधिकार है. हर पात्र को इसे उपलब्ध कराना किसी सरकार के फर्ज के साथ पुण्य का भी काम है. अपनी इसी सोच के क्रम में पीएम आवास योजना से छूटे हुए पात्रों के लिए दो साल पहले मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शुरू की थी.
इस योजना के तहत अब तक 50,740 आवास बांटे जा चुके हैं. 21,562 मुख्यमंत्री आवासों के निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में 87 करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में ट्रान्सफर किया जा चुका है. इन आवासों के बनने के बाद इनकी संख्या 72,302 हो जाएगी.
आपदा से प्रभावित लोगों को CM और PM आवास मिले
पीएम और सीएम आवासों के बांटने का नतीजा यह रहा कि योगी के सीएम बनने के पहले गोरखपुर, महराजगंज और अन्य कुछ जिलों के घने जंगलों में रहने वाले जो वनटांगिया आजाद भारत के नागरिक तक नहीं थे, आज उन सबके पास इन योजनाओं के तहत न केवल अपना घर है, बल्कि सरकार की जनहित की सभी योजनाओं (राशन कार्ड, रसोई गैस, बिजली, आयुष्मान भारत आदि) से भी किए जा चुके हैं. सरकार चाहती है कि इसी तरह हर गरीब परिवार, कुष्ठ रोगी, इंसेफेलाइटिस, कालाजार और आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के हर पात्र को पीएम या सीएम आवास मिले. साथ ही उनको जनहित की सभी योजनाओं से भी जोड़ा जाए.
पात्रता के बावजूद पीएम आवास योजना से वंचित परिवारों को एक अदद पक्का घर मुहैया कराने के लिए फरवरी, 2018 में यह योजना शुरू की गई थी. योजना के तहत नक्सल प्रभावित सोनभद्र, चन्दौली और मिर्जापुर में प्रति आवास 1.30 लाख और बाकी जिलों में 1.20 लाख लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाती है. इसके अलावा शौचालय निर्माण के लिए 12,000 स्वच्छ भारत मिशन-मनरेगा से दी जाती है.
मनरेगा से ही प्रति आवास लाभार्थी को 90 से 95 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थी की तरफ से खुद 25 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में आवास निर्माण कराना होता है. लाभार्थी के खाते में तीन किश्तों में 40 हजार, 70 हजार और 10 हजार रुपए भेजी जाती है. इस प्रकार की योजनाओं से यूपी सरकार का लक्ष्य उन परिवारों तक पहुंचना है जिनके पास तक अभी कोई सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाई हैं प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की अगुवाई मे ये सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं ये योजनाएं गरीबों के लिए वरदान साबित होंगी
 
                         
                                 
                                 
                                