विजय दिवस पर युवाओं ने शहीदों को नमन कर दी श्रद्धांजलि

विजय दिवस पर युवाओं ने शहीदों को नमन कर दी श्रद्धांजलि
रिपोर्ट दर्शन राजपूत
ब्लॉक मुख्यालय हसेरन कस्बे के प्राथमिक विद्यालय के पास बने स्वतंत्रता सेनानियों की स्मारक प्रतीक पर युवाओं ने विजय दिवस के अवसर पर दीप प्रज्वलित कर शहीदों को किया नमन दी सच्ची श्रद्धांजलि
आज ही के दिन 49 वर्ष पूर्व 16 दिसंबर की हल्की धूप वाली दोपहर को पाकिस्तानी सेना के उसी अधिकारी नियाज़ी ने अपनी कमान के 95 हजार सैनिकों समेत भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया था। यह संयोग था कि बचपन के दो दोस्त अरोड़ा व नियाज़ी बड़ी विचित्र हालात में आमने-सामने थे। जबकि हकीकतन नियाज़ी उस पाकिस्तान के तानाशाह सैनिक शासन में ज़ोन बी के मार्शल ला प्रशासक थे, जिसकी जिद व अहंकार ने भारत पर यह युद्ध थोपा था। जिस फौज़ी शासन ने धाक्कड़ शाही अंदाज से हुसैनीवाला में रिट्रीट के मौके पर भी टैंकों से हमला कर कायरता का प्रमाण दिया था। उसी शासन के 95 हजार सैनिकों ने जब हथियार फेंके थे तब उनकी नमोशी का यह आलम था कि बड़े अधिकारियों ने अपने हथियारों के अलावा अपनी छाती व कंधों पर लगे बैज व मैडल तक उतार कर ढेर कर दिए थे। 16 दिसंबर 1971 को पाक सेना के 93000सैनिकों ने ले जन नियाजी से भारत को आत्मसमर्पण किया जिसके फलस्वरूप बांग्लादेश का उदय हुआ युवाओं ने विजय दिवस के शुभ अवसर पर शहीद स्तंभ पर कैंडल जलाकर शहीदों को नमन कर याद किया कई युवाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया इस मौके पर युवा कार्यवाहक रामजी रामभक्त असित पांडे अर्पित सैनी शिवम कुमार किशन दुबे दीपांशु मिश्रा अखिलेश मिश्रा रोहित दुबे हलचल आदि युवाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया