भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत सीएसआईआर-एनबीआरआई में जैव-विविधता सम्मेलन की घोषणा

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत
सीएसआईआर-एनबीआरआई में जैव-विविधता सम्मेलन की घोषणा
रिपोर्ट यस एन त्रिपाठी
सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आज छठवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ़-2020) के अंतर्गत आयोजित होने वाले ‘जैव-विविधता’ कार्यक्रम का घोषणा समारोह (कर्टेन रेजर) आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मंत्री श्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, भारत सरकार के सचिव एवं महानिदेशक, सीएसआईआर डॉ शेखर सी मांडे द्वारा मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि माननीय श्री ब्रजेश पाठक ने अपने सम्बोधन में कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आज विज्ञान आमजन के जीवन से इस प्रकार जुड़ चुका है कि इसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। आत्म निर्भर भारत की संकल्पना पर अपने विचार रखते हुए उन्होने कहा कि यदि हम आत्म निर्भर नहीं बनेंगे, वैज्ञानिक आविष्कार नहीं करेंगे तो भारत शेष विश्व के साथ बराबरी नहीं कर सकेगा। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के युवाओं को एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा जहां वह न सिर्फ वैज्ञानिक सोच सामने रख सकेंगे अपितु उनमें स्पर्धा की भावना भी विकसित होगी जिससे आगे चल कर वह विश्व में भारत का नाम रोशन कर सकेंगे।
इसके अतिरिक्त समारोह की जानकारी देते हुए विज्ञान भारती अवध प्रांत के आयोजन सचिव श्री श्रेयांश मांडलोई ने पूर्व में आयोजित किए गए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए वर्तमान महोत्सव की विशेषताओं के विषय में बताया। श्री मांडलोई जी ने भारत के लोगों विशेषकर युवाओं में वैज्ञानिक चेतना जाग्रत करने के दिशा में इस कार्यक्रम की सराहना की।
समारोह में अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ शेखर सी मांडे ने कहा कि समाज में विज्ञान एवं तकनीक के प्रति आम जन का उत्साह धीरे धीरे बढ़ रहा है। उन्होने आशा जताई कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य में अधिक से अधिक बच्चे विज्ञान के क्षेत्र में जोड़ने में सहायता मिलेगी। उन्होने कोरोना महामारी के चलते सामने प्रस्तुत चुनौतियों के चलते आन लाइन माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम से जुडने की अपील की।
इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो एस के बारिक ने कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होने बताया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF2020) का छठा संस्करण भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (DHF), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), और विज्ञान भारती (VIBHA) द्वारा संयुक्त रूप से 22-25 दिसंबर, 2020 के दौरान आयोजित किया जा रहा है। IISF 2020 का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण हेतु विज्ञान’ है। कोरोना महामारी के कारण, आईआईएसएफ़-2020 के सभी कार्यक्रम ऑन लाइन माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। इस समारोह की पंजीकरण प्रक्रिया अब https://www.scienceindiafest.org/ पर चालू हो चुकी है।
IISF 2020 में 41 कार्यक्रमों के अंतर्गत कई गतिविधियाँ शामिल होंगी। इस साल आईआईएसएफ 2020 में एक नया कार्यक्रम ‘जैव-विविधता’ शामिल किया गया है। इस ‘जैव-विविधता’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनबीआरआई), लखनऊ प्रमुख समन्वय संस्थान है। आईआईएसएफ़-2020 के तहत ‘जैव-विविधता’ कार्यक्रम 23-24 दिसंबर, 2020 को होना निर्धारित है।
दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य रूप से निम्न कार्यक्रम शामिल होंगे:
• विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों से आमंत्रित वार्ता द्वारा ई-कार्यशाला / वेबिनार
• जैव-विविधता शोधकर्ताओं, छात्रों, संरक्षणविदों, वैज्ञानिकों और प्रबंधकों हेतु ई-पोस्टर गैलरी
• जैव-विविधता नवाचार एक्सपो: छात्र, स्वदेशी समुदाय, विज्ञान एवं तकनीक विशेषज्ञ और उद्योग
• स्वदेशी समुदाय- S & T विशेषज्ञ समागम
• उद्यमी-उद्योग समागम
• लघु फिल्म एवं प्रकृति-वन्यजीवन फोटो प्रदर्शनी
अंत में आईआईएसएफ़- 2020 जैव विविधता कार्यक्रम के संयोजक डॉ के एन नायर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया