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बुद्ध कोणासन: मूत्र व योनि मार्ग के लिए श्रेष्ट आसन :जानिये इस योग के और फायदे और कायदे_

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बुद्ध कोणासन: मूत्र व योनि मार्ग के लिए श्रेष्ट आसन :जानिये इस योग के और फायदे और कायदे_

Dr Rao P Singh

हम लोग गर्म खून वाले जीवित प्राणी हैं लेकिन बाहरी तापमान ज्यादा होने के बावजूद भी हम अपने शरीर के तापमान को 37 डिग्री तक नियंत्रित करने की क्षमता रखते हैं। यदि तापमान अधिक है तो हमारे शरीर से पसीना निकलने लगता है जिसकी वजह से गर्मियों में भी शरीर ठंडा बना रहता है। सर्दियों में हमारे शरीर की पसीने वाली ग्रंथियां शांत रहती हैं जिसकी वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ मूत्र के माध्यम से ही शरीर से बाहर निकलते हैं।

‘योग हर उस चीज को ठीक करता है जिसे सहन करने की जरूरत नहीं होती है और जिसे सहन नहीं किया जा सकता है’। खैर, गर्मी रहने के लिए है और हमें इसे सहन करना है। कुछ योगासन बाहर तेज गर्मी होने के बावजूद हमारे शरीर को ‘ठंडा’ रखने में मदद करते हैं। इसलिए इन आसनों का गर्मियों के दौरान नियमित रूप से अभ्यास
किया जाना चाहिए। ऐसा ही आसन हैं- बुद्ध कोणासन

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बुद्धकोणासन के लाभ

1 यह आसन शरीर को ठंडा रखता है

2 इस आसन से विशेष रूप से उत्सर्जित और प्रजनन अंगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता हैं।

3 इस आसन में, आंतरिक अंग उठाए जाते हैं इसलिए यह आसन उन उम्रदराज महिलाओं के लिए जिन्हें गर्भाशय के खिसकने या फिर बार-बार पिशाब आने की समस्या रहती हो किसी वरदान से कम नहीं हैं।

4 उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। चूंकि बाहरी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिसकी वजह से बांहों के आसपास की स्किन लटकती हुई दिखाई देती हैं। इतना ही नहीं गर्भाशय और पेट से जुड़ी मांसपेशियां भी कमजोर पड़ने लगती हैं। यह आसन इन आंतरिक मांसपेशियों को मजबूत करके कमजोर मांसपेशियों से जुड़ी आम समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।

5:मासिक धर्म के दौरान भी इस आसन का नियमित अभ्यास करने से लड़कियों को इस दर्द से बहुत राहत मिलती है।

6 गर्भवती महिला द्वारा अपनी डिलीवरी से कुछ दिन पहले किया गया यह आसन उनकी प्रसव पीड़ा को कम करने के साथ उनकी डिलीवरी को भी आसान बनाने में मदद करता है।

7 लंबे समय तक इस स्थिति में बैठने से ब्लैडर टोन होता है।

8 जो पुरुष बुढ़ापे में प्रोस्टेट की समस्या से पीड़ित होते हैं, उन्हें भी लंबी अवधि में इस मुद्रा में बैठने से अपनी इस समस्या से राहत देता है।

9 लड़कियां अपने मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द की शिकायत करती हैं। दुर्भाग्यवश, कुछ पेन किलर्स को छोड़ दें तो अभी तक इन लड़कियों की परेशानी को दूर करने के लिए कोई दवा नहीं बनी है। हालांकि इन युवा लड़कियों को हर महीने इस दर्द से निपटने के लिए पेन किलर्स लेने की सलाह नहीं दी जाती है। अक्सर उन्हें इस दर्द को सहन करने के लिए कहा जाता है- यह एक औरत होने की कीमत है…बता दें, इस दर्द को सहन करना जरूरी नहीं है। यह आसन इन दबाओ से मुक्ति प्रदान करता है

बुद्ध कोणासन की विधि

-एक कंबल लेकर उसे चार बार फोल्ड करकर एक कठिन तकिए की तरह इस्तेमाल करें।

-तकिए पर बैठकर अपने पैरों को फैला लें।

-श्वास बाहर की तरफ छोड़ते हुए अपने पैरों को घुटनों की तरफ एक-एक करके मोड़ते हुए प्यूबिक बोन के पास लाएं।

  • इसके बाद कुछ सांसों को सामान्य कर लें।

-पैरों के तलवों को एकसाथ मिलाएं।

  • अपनी हथेलियों से दोनों पैरों को पकड़ते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं।

-श्वास को सामान्य रखते हुए जब तक हो सके इसी मुद्रा में बने रहें।

-इसके अलावा आप इस स्थिति में 10 से 15 मिनट तक भी बैठ सकते हैं।

-इसके बाद श्वासों को बाहर छोड़ते हुए अपनी हथेलियों से पैरों को छोड़ते हुए पैरों को सीधा कर लें।

बुद्ध कोणासन विशेष

यह साधारण आसन दिन के किसी भी समय यहां तक की भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है। हालांकि भोजन के तुरंत बाद आसन करने की सलाह कभी नहीं दी जाती है। साथ ही हर उम्र हर वर्ग के लोग इसे कर सकते है किन्तु पैर सम्बन्धी शल्य क्रिया य़ा दर्द होने पर यह आसन डॉक्टर की सलाह पर ही करें

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