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वाहन में किया गया कोई मॉडिफिकेशन तो आपको होगी जेल या भरना पड़ेगा 5000 का दंड

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वाहन में किया गया कोई मॉडिफिकेशन तो आपको होगी जेल या भरना पड़ेगा 5000 का दंड_


साल 2017 में, भारत सरकार ने वाहनों पर किसी भी तरह के मेटल क्रैश गार्ड या बुलबार पर प्रतिबंध लगा दिया था. नए प्रतिबंध की शुरुआत के साथ, मोटर वाहन अधिनियम में एक नया संशोधन भी पेश किया गया था. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) सभी को कानून के बारे में चेतावनी देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है और ये बता रहा है कि, क्यों आफ्टरमार्केट बुलबार आपको नहीं लगाना चाहिए.

बता दें कि, आधिकारिक कानून के अनुसार बुलबार या क्रैश गार्ड वाले वाहन के मालिक पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 182A(4) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. इसमें साफ कहा गया है कि, कोई भी गाड़ी का मालिक अगर अपने गाड़ी के पार्ट्स में रेट्रोफिटिंग करवाता है उसपर 5000 रुपए का जुर्माना या फिर 6 महीने की सजा हो सकती है.

बुलबार्स को क्यों किया गया है बैन
बुलबार पर प्रतिबंध लगाने का प्राथमिक कारण सड़क की जगह को सभी के लिए सुरक्षित बनाना है. बुलबार वाहन में सवार होने के साथ-साथ पैदल चलने वालों के लिए भी खतरनाक हो सकता है. अधिकांश बुलबार वाहन के चेसिस पर लगे होते हैं और दुर्घटना के दौरान, बुलबार इम्पैक्ट को सीधे चेसिस पर स्थानांतरित करता है. ऐसे में ये दुर्घटना का पूरा प्रभाव सीधे वाहन में सवार लोगों को स्थानांतरित कर देता है, जिससे उन्हें और अधिक चोट लग सकती है.
सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए बुलबार भी बेहद खतरनाक हो सकते हैं. यदि बुलबार वाला वाहन किसी पैदल यात्री से टकराता है, तो घातक चोट लगने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. बता दें कि इसके बाद अब कई कार मालिक अपने गाड़ियों पर से इस बुलबार को हटा रहे हैं और फिर से अपनी गाड़ी को पहले की तरह बनाने में लग गए हैं.
कार एयरबैग्स के लिए होते हैं खतरनाक
जैसा कि हम जानते हैं, भारत सरकार ने भारत में हर वाहन में ड्राइवर-साइड एयरबैग अनिवार्य कर दिया है. जल्द ही कारों में आगे के दो एयरबैग अनिवार्य होंगे. एयरबैग वाले वाहनों पर लगे बुलबार बेहद खतरनाक हो सकते हैं और सवारों को बहुत बुरी तरह घायल कर सकते हैं. चूंकि एयरबैग लगाने के लिए सेंसर वाहन के सामने स्थित होते हैं, ऐसे में बुलबार इसमें बीच में आ सकता है. चूंकि दुर्घटना के बाद एयरबैग खुलने का समय यात्रियों को एक तकिया प्रदान करने के लिए बेहद नाजुक होता है, यहां तक ​​​​कि एक माइक्रोसेकंड की देरी भी रहने वालों को घायल कर सकती है.
यदि कोई बुलबार लगा है, तो वह बंपर के बजाय पहला प्रभाव लेगा और फिर सेंसर समय पर एयरबैग को ट्रिगर नहीं करेगा. यह यात्रियों को बहुत बुरी तरह से चोट पहुंचा सकता है और वहीं कई मामलों में तो एयरबैग खुलेंगे भी नहीं.देगा

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