निराश्रित गोवंशों का शत-प्रतिशत संरक्षण किया जाएगा सुनिश्चित

_*विशेष निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान 07 से 14 दिसंबर तक*_
_*निराश्रित गोवंशों का शत-प्रतिशत संरक्षण किया जाएगा सुनिश्चित*_
_*राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र, मंडियां, सब्जी बाजार और आवासीय क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर निराश्रित गोवंश से किया जाएगा मुक्त*_
_*जनपद देवरिया हेतु नोडल अधिकारी किए गए है नामित, स्थलीय भ्रमण कर अभियान का करेंगे संचालन*_
_*देवरिया 05 दिसंबर*_ जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने बताया है कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण के प्रति प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 07 से 14 दिसंबर तक “विशेष निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान” चलाया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य निराश्रित गोवंशों का शत-प्रतिशत संरक्षण सुनिश्चित करना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद देवरिया में कल 26 निराश्रित को संरक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनमें निराश्रित गोवंश संरक्षण के 2194लक्ष्य के सापेक्ष 3709 गोवंशों की संरक्षण कराई जा चुकी है इसके बावजूद विभिन्न माध्यमों से निराश्रित गोवंशों के विचरण की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। इसी समस्या के समाधान हेतु शासन ने व्यापक रणनीति तैयार की है, जिसमें ग्राम पंचायतों से लेकर शहरी निकायों तक सभी स्तरों पर सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
अभियान के तहत न्याय पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे जिनके द्वारा ग्राम पंचायत सचिव या ग्राम विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जबकि शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी यह जिम्मेदारी संभालेंगे। इन नोडल अधिकारियों की देखरेख में न्याय पंचायत स्तर पर एक टीम का गठन किया जाएगा, जिसमें पंचायत सचिव, पंचायत मित्र, पशुधन प्रसार अधिकारी और अन्य स्थानीय कर्मचारी शामिल होंगे। यह टीम पशु चिकित्साधिकारी या खंड विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य करेगी।
निराश्रित गोवंशों को उनके हॉटस्पॉट क्षेत्रों से पकड़कर निकटतम गो आश्रय स्थल पर ले जाया जाएगा। वहां उनकी टैगिंग की जाएगी और संबंधित जानकारी गो आश्रय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र, मंडियां, सब्जी बाजार और आवासीय क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर निराश्रित गोवंश से मुक्त किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में ग्राम प्रधानों का सहयोग भी लिया जाएगा।
जनपद देवरिया के लिए डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोंडा को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। वे 06 दिसंबर तक जनपद में पहुंचकर मुख्य विकास अधिकारी और जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। नोडल अधिकारी जनपद में न्यूनतम तीन दिन तक स्थलीय भ्रमण कर अभियान का संचालन सुनिश्चित करेंगे। वे गो आश्रय स्थलों पर उपलब्ध व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए हरे चारे, गोवंशों की टैगिंग, टीकाकरण और ठंड से बचाव के उपायों का निरीक्षण करेंगे।
अभियान की समाप्ति पर जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जनपद के सभी निराश्रित गोवंश संरक्षित कर लिए गए हैं। यह रिपोर्ट शासन को ई-मेल द्वारा प्रेषित की जाएगी।