स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा:सीएमओ

*स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा:सीएमओ*
*फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 अगस्त से चलेगा एमडीए अभियान*
*पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा के सेवन से होता है फाइलेरिया से बचाव*
*लाइलाज है फाइलेरिया, दवा सेवन और मच्छरों से बचाव ही है उपाय*
*ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों को जिला स्तर पर दिया गया प्रशिक्षण*
रिपोर्ट हरिशंकर त्रिपाठी
_*देवरिया 15 जुलाई।*_ फाइलेरिया जिसे हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं एक लाइलाज बीमारी है। इसके संक्रमण से लिम्फोडिमा (हाथ, पैर, स्तन में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) हो जाता है । प्रबंधन के जरिये लिम्फोडिमा को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है । इस बीमारी से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन आवश्यक है । बीमारी से बचाव के लिए दवा के सेवन और इसका संक्रमण फैलाने वाले मच्छरों से बचाव आवश्यक है।
यह बातें सीएमओ डॉ राजेश झा ने 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक प्रस्तावित फाइलेरिया के सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों के जिला स्तरीय प्रशिक्षण को धनवंतरि सभागार में सोमवार को सम्बोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों के साथ साथ शहरी क्षेत्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को एमडीए अभियान के बारे में भी प्रशिक्षित किया गया ।
एसीएमओ वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि अभियान से जुड़े प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाए। फाइलेरिया विश्व में दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है । एमडीए अभियान को मजबूती प्रदान कर सुनिश्चित किया जाए कि जिले में एक भी नया संक्रमण न फैलने पाए। दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को ( गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) फाइलेरिया से बचाव की दोनों दवाएं खिलानी हैं। डब्लूयूएचओ के जोनल कोआर्डीनेटर डॉ नित्यानंद ठाकुर ने कहा कि एक से दो वर्ष के बीच के बच्चों को सिर्फ पेट के कीड़े मारने की दवा दी जाएगी। अभियान 10 से 2 सितम्बर तक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार और शुक्रवार को चलेगा । किसी को भी खाली पेट दवा नहीं खिलाई जाएगी। इसी वजह से अभियान का समय सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक रखा गया है ।
जिला मलेरिया मलेरिया अधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्रा ने कहा कि अभियान के लिए बनाई गई प्रत्येक टीम प्रतिदिन 25 घरों का विजिट कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएगी । दवा सेवन कराने के पश्चात दायें हाथ की अंगुली पर मार्कर से निशान भी लगाया जाएगा। जिले में 32 लाख की अबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य है और इसके लिए 3035 टीम बनाई गई हैं । प्रत्येक दिन खिलाई गई दवा का विवरण ई कवच पोर्टल पर फीड करना अनिवार्य है।
इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी, अर्बन नोडल अधिकारी आरपी यादव, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, डीडीएचईआईओ लाल बचन चौधरी सहित सीफार, पाथ, पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।