लोकतंत्र व शिक्षा दोनों एक दूसरे के पूरक प्रो.बृजेश पाण्डेय

लोकतंत्र व शिक्षा दोनों एक दूसरे के पूरक प्रो.बृजेश पाण्डेय
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
रुद्रपुर देवरिया अंतराष्ट्रीय लोक दिवस पर रामजी सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मे शिक्षा शास्त्र एवं राजनीति शास्त्र विभाग के संयुक्त प्रयास से लोकतंत्र और शिक्षा विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया
गोष्ठी मे प्राचार्य प्रो बृजेश कुमार पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र और शिक्षा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं,हमें अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्त्तव्य पर ध्यान देना चाहिए,प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने कर्त्तव्य का पालन करता जाए तो उसके अधिकार उसे स्वतः मिल जाएंगे,उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना के लिए सत्यम शिवम सुंदरम जैसे मानवीय मूल्यों और लोकतांत्रिक शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया
प्रो संतोष कुमार यादव ने चर्चा करते हुए कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए नजीर है, इतनी विविधता के बावजूद हम लोकतांत्रिक रूप से बहुत ही मजबूत स्थिति में हैं!
डॉ आनंद मोहन ने कहा कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था सभी शासन व्यवस्थाओं में सबसे खूबसूरत व्यस्था है, जहां समाज के प्रथम व्यक्ति से लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति के वोट की कीमत एक है,
संयोजक डॉ शरद वर्मा ने कहा कि हमारा लोकतांत्रिक गण तन्त्र गन तंत्र में न बदले इसके लिए शिक्षा अहम भूमिका निभाती है
गोष्ठी मे डॉ धीरज कुमार,संजय कुमार,डॉ सुधीर दीक्षित साहित छात्र -छात्राये उपास्थित थी