पिड़राघाट पुल के एप्रोच पर खतरा बरकरार, प्रशासन नहीं चेता तो मच सकती है तबाही

पिड़राघाट पुल के एप्रोच पर खतरा बरकरार, प्रशासन नहीं चेता तो मच सकती है तबाही
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
भारी वाहनों का आवागमन बंद होने से दुश्वारी झेल रहे लोग
रुद्रपुर देवरिया गोर्रा नदी स्थित पिड़राघाट पुल का एप्रोच धंसने से भारी वाहनों का आवागमन बंद को जनता दुश्वारियां झेल रही है है वही लोगो को चिन्ता है कि समय रहते एप्रोच का बोल्डर पीचिंग नहीं हुआ तो नदी का जलस्तर बढ़ने पर एप्रोच कभी भी धंस सकता है। जिससे दोआबा के 52 गांवों के लोगों की दुश्वारी और बढ़ सकती है
मालूम हो कि 1988 मे वने पुल दोआबा के 52 गांव के लोगों के मुख्य मार्गो में एक है जिस पर करीब डेढ़ लाख जनसंख्या का आवागमन होता है यह पुल देवरिया व गोरखपुर जनपद को जोड़ता है जिस पर दिन गाड़ियों का आवागमन होता है
बीते वर्ष पानी के दबाव के चलते पुल का एप्रोच कट गया जहां आनन-फानन में अधिकारियों ने मिट्टी से भराव कर बड़ी गाड़ियों को छोड् छोटी गाड़ियों का आवागमन बहाल किया
वताते है कि गोर्रा नदी पर बने बने पुल के एप्रोच का लोक
निर्माण विभाग ने पिछले वर्ष पसासो लाख खर्च एप्रोच को मट्टी से भरने का कार्य कि जिसमें जमकर खेल खेला गया कई बार मिट्टी कटकर नदी में विलीन हो गई। एप्रोच को नदी के कटान से बचाव के लिए झाड़-झंखाड़ के भरोसे रोकने की कवायद हो रही है 12 मई 2023 को लोकनिर्माण विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद ट्रायल के तौर पर एस डी एम ने भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराया था 72 घंटे के अंदर ही एप्रोच का एक हिस्सा पुल से सटे नदी में विलीन हो गया। आनन-फानन में प्रशासन ने भारी वाहनों का आवागमन बंद करा दिया। तभी से आवागमन दोबारा शुरू नहीं हो सका है यह पुल पचलड़ी,भेलऊर,ईश्वरपुरा,खोपा,रतनपुर,बनियापार ,हौलीबलिया समेत दो दर्जन से अधिक गांवों का यह मुख्य मार्ग है
वाक्स
बोल्डर पीचिंग नहीं हुई तो बढ़ सकती हैं दुश्वारियां
क्षेत्र के दयानंद सिंह, विशाल द्विवेदी,अनिल गुप्ता,एस एन
सिंह,दिवाकर निषाद,देवेन्द्र पांडेय,शैलेन्द्र मल्ल,राजीवन सिंह,शब्बीर अहमद,अवधेश यादव ने कहा कि अगर इस बार बोल्डर पिचिंग नहीं की गई तो नदी का जलस्तर बढ़ने पर एप्रोच के कटान का खतरा और बढ़ जाएगा
वाक्स
एक्सियन ने कहा वोल्डर का प्रस्ताव भेजा गया है
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने कहा कि पिड़राघाट पुल के एप्रोच के बोल्डर पिचिंग का कार्य करने के लिए करीब छह करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। अभी शासन से मंजूरी नहीं मिली है। धन अवमुक्त होते ही काम शुरू हो जाएगा