भगवान को भय से नहीं भाव से करें स्मरण- मृदुल जी महाराज

भगवान को भय से नहीं भाव से करें स्मरण- मृदुल जी महाराज
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
रूद्रपुर देवरिया रुद्रपुर नगर के नशहरा वार्ड में चल रही सात दिवसीय संगीत मय श्री मद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास गंगोत्री तिवारी मृदुल जी महाराज ने कुंती प्रसंग को श्रवण कराते हुए कहा कि अक्सर मनुष्य भगवान को सुख में भूल जाता है परमात्मा को स्मरण करने का समय दुख नही अपितु सुख है दुख में तो पापी व्यक्ति भी भगवान को याद करके रोता है अतः अपने इस्ट ओर वरिष्ट में सदैव आस्था रखने से कभी भी साधक का अनिष्ट नही होता अपितु ओर प्रतिष्ठा बढ़ती है भगवान को भय से नही अपितु भाव से स्मरण करना चाहिए भगवान तो भाव के भूखे है भगवान सदैव अपने भक्तों का हित चाहते है
महाराज श्री ने भीष्म पितामह का प्रसंग कपिल भगवान का चरित्र बड़े ही मार्मिक रूप से समझाया सती शिव चरित्र को श्रवण कराते हुए बताया कि दाम्पत्य जीवन मे पति पत्नी में एक दूसरे के प्रति कभी भी संशय नही होना चाहिये अगर पति पत्नी में किसी भी बात को लेकर संशय बन गया तो दांपत्य जीवन मे क्लेश बन जाता है जो पति पत्नी के बिछड़ने का मुख्य कारण बन जाता है
सती मां ने शिव पर संशय किया जिसके फल स्वरूप सती को योगाग्नि में समाहित होना पड़ा
इस अवसर पर यजमान केशमती देवी रामानंद निषाद साहित कथा पंडाल में बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे