ऑनलाइन नकल कराने की तैयारी कराने वाले गिरोह का एसटीएफ ने किया पर्दाफाश

एसटीएफ ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के संचालक सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह तीनों परीक्षा केंद्र या लैब में अभ्यार्थियों से रुपये ऐंठकर उन्हें नकल कराने की तैयारी कर रहे थे। एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की तरफ से आयोजित दरोगा, कांस्टेबल व समकक्ष पदों की सीधी भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा 2021 में धांधली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के संचालक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कुछ आरोपी फरार हैं। एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि सभी आरोपी जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे। इन सबको रामगढ़ताल थाने में दाखिल किया गया है।
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज के घुघली थानाक्षेत्र के अहिरौली निवासी नित्यानंद गौड़ और गोरखपुर के चिलुआताल थाना के महेसरा निवासी सेनापति साहनी के रूप में हुई है। प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया गया है। सूचना मिली थी कि ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराई जाएगी। इसी आधार पर मंगलवार सुबह छह बजे आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। धोखाधड़ी व साजिश रचने सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया गया है। एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में फर्जीवाड़ा की बात स्वीकार की है। दरअसल, परीक्षा केंद्र पर अलग लैब या कमरे में बैठाकर सभी सेटिंग के अभ्यर्थियों के पेपर हल कराने की योजना थी। इसी बीच गोरखपुर के अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र बदल गया। इससे सेटिंग गड़बड़ा गई। बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों से संपर्क नहीं हो सका। जिनसे बात हुई थी, उन सबको 15-15 लाख रुपये देना है। संबंधित अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलवानी है।
सीसीटीवी फुटेज बंद कर करते थे गड़बड़ी
एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने कई राज उगले हैं। नित्यानंद गौड़ ने पूछताछ के दौरान बताया कि 15 व 16 नवंबर को रजनीश दीक्षित ने दो अभ्यर्थियों के रोल नंबर की स्लिप दी थी। इसमें से एक का सर नेम परिहार था, जिन्हें मुझे अभ्यर्थी की जगह ले जाकर बैठा देना था। एनएसईआईटी के क्लस्टर हेड अनुभव सिंह की सहायता से यह अभ्यर्थी अपना बायोमीट्रिक लगाने के बाद बाहर चला गया, फिर सॉल्वरों को परीक्षा हॉल के अंदर लाया गया। सेनापति ने पूछताछ में बताया कि आशीष शुक्ला, दीपक और दिवाकर ने परीक्षा केंद्र का सीसीटीवी फुटेज बंद कराया था। इसकी मदद से दीपक और दिवाकर ऑनलाइन परीक्षा में सॉल्वर को बैठाते और नकल कराते थे।ये हुई बरामदगी
16100 रुपये नकद, दो अदद आधार कार्ड, एक डीएल, तीन मोबाइल फोन, चार पेन ड्राइव, एक पैन कार्ड, एक निर्वाचन कार्ड।
सवालों के घेरे में परीक्षा केंद्रों के संचालक
एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के मुताबिक मोडेंटो केंद्र के संचालक अश्वनी दुबे, एनएसईआईटी के क्लस्टर हेड अनुभव सिंह, एनएसईआईटी के संचालक आशीष शुक्ला, सिद्धि विनायक ऑनलाइन सेंटर मोहरीपुर के केंद्र संचालक दीपक, दिवाकर उर्फ रिंटू व सेनापति, ओम ऑनलाइन सेंटर रुस्तमपुर के संचालक नित्यानंद गौड़, संतोष यादव, रजनीश दीक्षित ने नकल कराने के लिए पैसे लिए हैं। सूचना मिली थी कि परीक्षा केंद्र के अलग कमरे या लैब में अभ्यर्थी को बैठाकर पेपर दिलवाया जाएगा। इस गिरोह के कुछ सदस्य रामगढ़ताल थाना से पहले देवरिया बाईपास तिराहा (अमर उजाला तिराहा) के पास मौजूद हैं। इस पर एसटीएफ की टीम ने छापा मारा और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह, उपनिरीक्षक आलोक कुमार राय, हेड कांस्टेबल जितेंद्र यादव व कांस्टेबल महेंद्र प्रताप सिंह शामिल रहे।