तेईस साल बाद,98का खौफनाक मंजर याद कर सिहर उठ रहे ग्रामीण

तेईस साल बाद,98का खौफनाक मंजर याद कर सिहर उठ रहे ग्रामीण
रिपोर्ट रघुवंश तिवारी
.असवनपार-रकहट,कोठा-रकहट बांध पर दर्जनों जगह रिसाव
….रिसाव बन्द करने के लिए विभागीय अधिकारी व मजदूरों के साथ ग्रामीण भी लगे हुए हैं
रकहट।।आज से तेईस साल पहले 1998की वो खौफनाक मंजर याद कर ग्रामीण सहम उठ रहे हैं जहां राप्ती नदी पूरे जोर पर है वहीं तटबंध की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है.कोठा-रकहट,रकहट-असवनपार तटबंध पर दर्जनों जगह रिसाव होने के कारण तटबंध से सटे गांवों के ग्रामीण रिसाव बन्द करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं उनके साथ विभाग के अधिकारी व मजदूरों के साथ रिसाव को बन्द करने के लिए संसाधन का उपयोग करते हुए रिसाव को बन्द करने का प्रयास कर रहे हैं.
….कोठा-रकहट तटबंध पर कोठा गांव के सामने रिसाव से दहशत
बृहस्पतिवार रात करीब आठ बजे कोठा बेलकुर के बीच में तेज रिसाव होने से ग्रामीण 98की बाढ़ को याद करते हुए दहशत में था वहीं कोठा के ग्राम प्रधान सहित सैंकड़ों ग्रामीणों ने रिसाव बन्द करने के लिए काफी मशक्कत कर रहे थे तभी अधियाशी अभियंता अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे काफी मशक्कत के बाद करीब डेढ़ बजे रात को रिसाव पर काबू पाया गया.उसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
….98मे कोठा के पास व 2001मे गंगाचक के पास बंन्धा कटने से काफी नुकसान हुआ था उसको याद करते हुए ग्रामीणों ने बताया अगर इस बार भी बंधा कटा तो सैकड़ों गांव के लोग इससे प्रभावित होंगे.अभी तक तो हम लोग बंधे पर ही रातभर रखवाली कर रहे हैं.
….2007से बंधे पर कोई कार्य नहीं हुआ
ग्रामीणों ने बताया कि 2007से बंधे का मरम्मत मिट्टी से सम्बन्धित कोई कार्य नहीं कराया गया है,उसी का नतीजा है कि आज हम सभी रात दिन बंधे कि रखवाली करने के साथ बंधे पर हो रहे रिसाव को बंद करने के लिए विभागीय अधिकारी संसाधन के साथ मौजूद है अभी तक तो बंधे को बचाया गया है लेकिन स्थिति काफी दयनीय है कुछ कहा नहीं जा सकता.
….समाजसेवी व भाजपा नेता चन्द्र प्रकाश पाण्डेय अपनी टीम के साथ लगे हुए हैं
गगहा एरिया के रकहट निवासी भाजपा नेता चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ऊर्फ अन्नू पाण्डेय अपनी टीम के साथ बंधे पर लगे हुए हैं.ग्रामीणो ने अन्नू पाण्डेय के साथ उनकी टीम की तारीफ कर रहे हैं.
वहीं अधियाशी अभियंता रुपेश खरे ने बताया कि तटबंध पर दर्जनों जगह रिसाव हो रहा है उसके के विभागीय कर्मचारियों के साथ लगभग डेढ़ सौ मजदूर लगाये गये है साथ ही ग्रामीणों ने भी रिसाव बन्द करने के लिए हमारा साथ दे रहे हैं, बृहस्पतिवार रात को कोठा के पास हो रहा रिसाव काफी तेज था लेकिन काफी अथक प्रयास के बाद रात करीब डेढ़ बजे रिसाव को बन्द हुआ तब जाकर हम लोग राहत की सांस ली.