H S live news

No.1 news portal of UP

कोविड-19 का बच्चों पर असर को रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female”]

कोविड-19 का बच्चों पर असर को रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

सतर्कता के साथ बच्चों को घर पर ही कोरोना मुक्त रख सकते हैं  गंभीर स्थिति मे ही अस्पताल जाने की जरूरत होगी 
रेमडिसिविर, आइवरमेक्टिन, व इस्टीरायड बच्चों को देने पर रोक लगाई, सिर्फ गंभीर बच्चों को देने की अनुमति


आने वाले दिनों में कोविड-19 का असर बच्चों पर होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को गाइडलाइन जारी की है।
इसके मुताबिक सिर्फ कोरोना से ग्रसित गंभीर बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किया जा सकता है। गाइडलाइन के मुताबिक जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरता है, उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। गाइडलाइन में बच्चों को इस्टीरायड देने की मनाही की गई है। सिर्फ गंभीर बच्चों को जरूरत पड़ने पर यह दवा देने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमडिसिविर, आइवरमेक्टिन, फैवीपिराविर जैसी दवाओं को बच्चों को देने से मना किया गया है।
गाइडलाइन में आगे कहा गया है कि जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से कम आता है उन्हें गंभीर निमोनिया, एक्यूट रिसपाइटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, सैप्टिक शाक, मल्टी आर्गन डिस्फक्शन सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को फौरन किसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए और जरूरत पड़े तो आईसीयू में शिफ्ट किया जाए। इन बच्चों को इस्टीरायड दिए जा सकते हैं।
गाइडलाइन के अनुसार कुछ बच्चे बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी व दस्त की समस्या के आ सकते हैं, उनका भी कोरोना मरीज के तौर पर इलाज किया जाना चाहिए। उनका स्टूल टेस्ट कराने पर पुष्ट हो जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लैमटोरी सिन्ड्रोम भी हो सकता है जिसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है| गाइनलाइन में साफ कहा गया है कि सिर्फ कोरोना ग्रसित गंभीर बच्चों को भर्ती कराने की जरूरत होगी। बाकी का इलाज में घर में रहकर ही किया जा सकता है। बस उनकी नियमित मानिटरिंग होती रही। ज्यादातर बच्चे लक्षणविहीन हो सकते हैं इसलिए उनका इलाज सावधानी से करने की जरूरत है।
क्या हो सकते है लक्षण

 ज्यादातर बच्चे लक्षणविहीन या हल्के-फुल्के लक्षण वाले होंगे
 उनमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकावट, सूंधने व टेस्ट की क्षमता में कमी आना, नाक बहना, मांसपेशियों में तकलीफ, गले में खराश जैसे लक्षण होंगे
 कुछ बच्चों में दस्त आना, उल्टी होना, पेट दर्द होना
 कुछ में मल्टी सिस्टम इंफलामेट्री सिंड्रोम होगा। ऐसे बच्चों को बुखार 38 सेंटीग्रेड से अधिक होगा, उनके लक्षण SARS CoV-2 से संबंधित हो सकते हैं। इन बच्चों में खांसी, नाक बहना व गले में खराश जैसे लक्षण भी हो सकते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top News

Copyright © All Rights Reserved, HS live news | Website Developed by 8920664806
HS Live news को आवश्यकता है पुरे भारतवर्ष मे स्टेट हेड मंडल ब्यूरो जिला ब्यूरो क्राइम रिपोर्टर तहसील रिपोर्टर विज्ञापन प्रतिनिधि तथा क्षेत्रीय संबाददाताओ की खबरों और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे:- 9648407554,8707748378,इमेल [email protected]