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अब गाय पालने पर ₹900 प्रतिमाह दे रही है योगी सरकार

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1 गाय पालन पर 900/- प्रतिमाह दे रही योगी सरकार

2 किसानी की आमदनी बढ़ाने के लिए 10 लाख देगी सरकार

3 अंतरजातीय विवाह पर 50000/- का तोहफा दे रही uk सरकार

4 किसानो की आमदनी बढ़ाने के किए सरकार दे रही 3 लाख

1 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकार निराश्रित गाय पालने वाले किसान को हर माह 900 रुपये देगी। उन्होंने मिर्जापुर जिले में टांडा फॉल स्थित गौशाला का निरीक्षण किया और गोपाष्टमी के अवसर पर गो पूजन किया। मुख्‍यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि निराश्रित गायों को पकड़कर गौशालाओं में रखा जाएगा और इसके बाद ये गाय गांव के किसानों को दी जायेगी।

उन्‍होंने कहा कि निराश्रित गाय पालने वाले किसान को 900 रुपये प्रति माह प्रति गाय की देखरेख करने के लिए दिया जाएगा जिसका हर माह निरीक्षण भी होगा। योगी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ तभी है जब लोगों को उसके बारे में जानकारी हो।

उन्होंने 11 कुपोषित परिवारों को गाय सौंपते हुए कहा,जब इन परिवारों के बच्चों को दूध मिलेगा तो उनका कुपोषण दूर होगा और बच्चे स्वस्थ होंगे और जब बच्चे स्वस्थ होंगे तो देश और समाज का भविष्य उज्जवल होगा।

2 योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नित नए तरीकों का प्रयोग कर रही है. अब सरकार का मकसद है किसानों की आमदनी को ऐसे बढ़ाया जाए ताकि उनको पारंपरिक खेती करने में जिस तरह से नुकसान होता है, उससे बच जाएं. सरकार की मंशा प्रदेश को जैविक खेती (Organic Farming) का हब बनाने की है. इससे प्रदेश में पहले चरण में 63 जिलों की 68 हेक्टेयर रकबे में ऑर्गेनिक फसल लहलहाएंगी.

इस प्रोजेक्ट में जिन जिलों को शामिल किया गया है उनमें 27 जिले नमामि गंगे परियोजना (Namami Ganga Project) में और 36 जिले पारंपरिक खेती करते हैं.

बेहतर तरीके से मॉनीटरिंग हो इसके लिए सरकार की एप्रोच क्लस्टर खेती की होगी. हर क्लस्टर 50 एकड़ का होगा. खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 3 साल में प्रति क्लस्टर 10 लाख रुपये का ग्रांट भी देगी. इसमें से 3,30,000-3,30,000 रुपये पहले और तीसरे साल दिए जाएंगे. बीच के साल में यह ग्रांट 3,40,000 रुपये की होगी.

जिन जिलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, उनमें झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, मीरजापुर, गोरखपुर, पीलीभीत, गोंडा, आगरा, मथुरा, वाराणसी, कौशांबी, फतेहपुर, देवरिया, फरुखार्बाद, उन्नाव, रायबरेली, बहराईच, बाराबंकी, श्रावस्ती, फैजाबाद, कानपुर देहात, आजमगढ़, सुल्तानपुर,कानपुर नगर, फिरोजाबाद, बदांयू, अमरोहा, बिजनौर, चंदौली, सोनभद्र, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर शामिल हैं.

रकम में से 38 फीसद क्लस्टर के गठन, किसानों की क्षमता बढ़ाने, ब्रांडिंग और पैकेजिंग आदि पर खर्च होगा. क्लस्टर में शामिल किसानों को जैविक खेती के क्षेत्रों पर विजिट कराया जाएगा. विजिट के बाद उनको खेत की तैयारी, हरी खाद का प्रबंधन, नर्सरी की तैयारी, वर्मी कंपोस्ट, जैविक तरीके से कीटों और रोगों के प्रबंधन और वैल्यू एडीशन के लिए किसानों को उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेवलिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. सरकार की योजना सभी मंडल मुख्यालयों पर जैविक मंडी खोलने की भी है.

आय के साथ सेहत के प्रति बढ़ती अवेयरनेस के कारण जैविक प्रोडक्‍ट की मांग बढ़ी है. लोग इनके अच्छे दाम देने को तैयार हैं. शर्त यह है कि ग्राहक को इस बात का भरोसा हो कि वह जो खरीद रहा है वह Quality में खरा है. इसके लिए सरकार पीजीएस इंडिया गाजियाबाद से इन उत्पादों की टेस्टिंग भी करवाएगी.

इंडो गैंजेटिक बेल्ट दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर इसका जिक्र भी करते हैं. उनका कहना है कि सिर्फ इंडो गैंजेटिक बेल्ट की भूमि ही पूरी दुनिया का अनाज का भंडार बन सकती है. शर्त यह है कि इसमें खेती के अद्यतन तौर-तरीके की मदद ली जाए. रासायनिक जहर जीवनदायनी गंगा में न जाएं इसके लिए सरकार ने ये नयी पहल की है.

3 उत्तराखंड सरकार अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए किसी अन्य जाति या धर्म के व्यक्ति से शादी करने वालों को 50,000 रुपये का प्रोत्साहन दे रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रोत्साहन राशि उन सभी जोड़ों को दी जाती है जिन्होंने कानूनी रूप से पंजीकृत अंतर-धार्मिक विवाह पंजीकृत किया है।

अंतर-धार्मिक विवाह किसी मान्यता प्राप्त मंदिर, मस्जिद, चर्च या देवस्थान में होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर-जातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन पाने के लिए, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार पति / पत्नी में से एक को अनुसूचित जाति होना आवश्यक है।

4 किसानों की आर्थिक सहायता के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं। देश के अन्नदाता को फसल उगाने के लिए पैसों की जरूरत होती है, जिसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से पीएम किसान योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाती है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रु तक का लोन दिया जाता है, जिसमें 1.60 लाख रु तक का लोन बिना गारंटी के ही मिल जाता है। इसी तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने किसानों के लिए एक स्पेशल लोन स्कीम पेश की है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना को शुरू कर दिया है।

इस योजना के तहत किसानों को जीरो या बिना ब्याज वाला लोन मिलेगा। आइए जानते हैं इस योजना की डिटेल।

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कितनी होगी लोन राशि
राज्य सरकार की किसान कल्याण योजना के तहत किसान बिना ब्याज पर 3 लाख रु तक का लोन ले सकेंगे। ये लोन किसानों को व्यक्तिगत तौर पर मिलेगा। वहीं किसान समूहों के लिए लोन की लिमिट 5 लाख रु होगी। इस योजना का अहम मकसद केंद्र सरकार के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के टार्गेट को पूरा करना है। राज्य के मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में किसानों के लिए नई योजना का शुभारंभ करते हुए किसानों को बिना ब्याज वाले लोन के चेक भी दिए।

प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर
राज्य सरकार का जरूरी टार्गेट प्रोडक्शन बढ़ाने पर है। इसी से किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। बता दें कि पहले राज्य में किसानों को 1 लाख रु के लोन पर 2 फीसदी ब्याज चुकाना होता था। मगर अब ये रेट शून्य होगी, जिससे किसानों को सीधे फायदा होगा। राज्य में गन्ना किसानों को पेमेंट भी पेराई से 2 महीने ही कर दिया गया। गन्ना किसानों को 250 करोड़ रु दिए गए।

और मिल सकता है लोन
इसके अलावा राज्य के किसान केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड से भी लोन ले सकते हैं। केसीसी पर 3 लाख रु तक का लोन मिलता है। मगर 1.60 लाख रु तक के लोन पर किसानों को अपनी जमीन बंधक नहीं रखनी होती। ब्याज की बात करें तो इस योजना पर भी ब्याज काफी सस्ता है। केसीसी पर ब्याज दर 9 फीसदी है। मगर इसमें सरकार की तरफ से 2 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा अगर किसान 1 साल के अंदर ही लोन चुका दें तो 3 फीसदी की छूट और मिलती है। इस तरह केसीसी के तहत केवल 4 फीसदी ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

कहां से लें लोन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड 5 साल तक वैलिड रहेगा। इसके बाद आप रिन्यू करा सकते हैं। आप किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक या नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) में इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। जहां से आपको केसीसी मिला हो रिन्यू कराने के लिए वहां भी आवेदन किया जा सकता है।

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