कृषि सुधार कानून 2020 पर फैली भ्रांतियों की वास्तविकता से किसानों को कराना है अवगत

कृषि सुधार कानून 2020 पर फैली भ्रांतियों की वास्तविकता से किसानों को कराना है अवगत
किसान अपने उत्पादन का मोल-भाव अपने खेत और घर पर भी कर सकते है
रिपोर्ट-एस0एन0त्रिपाठी
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डा0 डी.आर. सिंह ने कृषि सुधार कानून 2020 पर किसानों में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए नए कृषि बिल की वास्तविकता के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि किसान अपने कृषि उत्पादक को बिचौलियों को पास करके और उच्च मूल्य पर किसी को भी सीधे बेच सकते हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण युवाओं को भी व्यापार श्रंखला चलाने का अवसर मिलेगा। जिससे उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा। कुलपति ने बताया कि नए कृषि बिल द्वारा किसान अपने दरवाजे पर भी अपने कृषि उत्पाद का मूल भाव कर सकते हैं , किसानों को अपने कृषि उत्पाद को मंडी में बेचने या किसी अन्य विक्रेता को चुनने की स्वतंत्रता होगी, साथ ही प्रतियोगिता के माध्यम से अधिक कीमत भी प्राप्त होगी, किसानों को मंडी में कोई अतिरिक्त शुल्क या कमीशन नहीं देना होगा। इसके अतिरिक्त किसानों को यह भी स्वतंत्र होगी कि वे अपने कृषि उत्पाद को देश के किसी भी राज्य में बेच सकेंगे।जहां उन्हें अपने उत्पाद का उच्च मूल्य प्राप्त होगा। किसानों को कृषि से जुड़े विवाद को समयबद्ध तरीके से न्यूनतम लागत पर क्षेत्रीय उप जिला अधिकारी द्वारा सुलझाया जाएगा। कुलपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 84% किसानों के पास लगभग 1 एकड़ से भी कम भूमि है। जिनके लिए यह कृषि कानून बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा ,केंद्र सरकार द्वारा जो कृषि कानून लागू किया गया है उससे किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों द्वारा भी किसानों में जागरूकता लाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा संदेश जारी किए जा रहे हैं जिससे किसानों के मन से गलतफहमी को दूर किया जा सके।