नाईट्रोजन की कमी से पौधों के ग्रोथ मे रूकावट

नाईट्रोजन की कमी से पौधों के ग्रोथ मे रूकावट।
पौधों की जडो मे विकास के लिए फासफोरस आवश्यक।
पोषक तत्वो की पूर्ति किसान बन्धु फसलों मे समय से सुनिश्चित करै।
रिपोर्ट एस0एन0त्रिपाठी
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में शोध निदेशालय के सहायक निदेशक शोध डॉ मनोज मिश्र ने किसानों हेतु फसल उत्पादन में पोषक तत्वों की महत्ता विषय पर एडवाइजरी।
जारी की । उन्होंने बताया कि पौधों के सामान्य विकास एवं वृद्धि के लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उन्होंने कहा कि इन में से किसी एक पोषक तत्व की कमी होने पर पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा किसानों को भरपूर फसल उत्पादन नहीं मिल पाता है उन्होंने यह भी कहा कि पौधों की मात्रात्मक आवश्यकता के अनुसार नत्रजन फास्फोरस और पोटाश प्रमुख पोषक तत्व है जबकि कैल्शियम मैग्नीशियम एवं गंधक द्वितीयक पोषक तत्व है तथा लोहा मैग्नी तांबा जस्ता बोरान मॉलीब्लेडिनम क्लोरीन एवं निकिल सूक्ष्म पोषक तत्व उन्होंने बताया कि फसल में नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधों की बढ़वार रुक जाती है कल्ले कम बनते हैं तथा पूरा पौधा बोना दिखाई देता है इसी प्रकार से फास्फोरस की कमी होने पर पौधों की जड़ों का विकास नहीं होता है तथा पत्तियों का रंग हल्का बैंगनी या पूरा हो जाता है साथ ही पोटाश की कमी होने पर पौधों की पत्तियां भूरी तथा धब्बे दार दिखाई देती है और पत्तियों के किनारे झुलसे हुए दिखाई देते हैं डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि इसी प्रकार से सभी पोषक तत्वों की कमी के लक्षण फसलों पर दिखाई देते हैं उन्होंने कहा कि किसान भाई पोषक तत्वों की पूर्ति फसलों में समय पर करें साथ ही फसलों की निगरानी भी अवश्य रखें जिससे फसल में अगर कोई कमी होती है तो उसकी जानकारी तुरंत हो जाती है साथ ही उसका निवारण सुनिश्चित किया जा सके।