शोध नैतिकता और थीसिस/शोध पत्र लेखन में कौशल विकास विषय पर पॉच दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण संपन्न

शोध नैतिकता और थीसिस/शोध पत्र लेखन में कौशल विकास विषय पर पॉच दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण संपन्न
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रिपोर्ट एस0एन0त्रिपाठी
चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर में कास्ट-एनसी परियोजना के अर्न्तगत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयो एवं संस्थानो के स्नातकोत्तर छात्रों, नवोदित वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं तथा शिक्षकों के लिए शोध नैतिकता एवं थीसिस/शोध पत्र लेखन में कौशल विकास विषय पर पॉच दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण (24-28 नवम्बर 2020 तक) का आयोजन किया गया। ई-प्रशिक्षण का उद्घाटन योजना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ0 प्रभात कुमार जी भा0कृ0अ0प0 नई दिल्ली द्वारा किया।
औ उन्होने छात्र-छात्राओं एवं प्रतिभागियों को देश, समाज एवं किसानों के हित में बेहतर से बेहतर शोध करने के लिए उत्साहित किया। उन्होने बताया शोध प्रारम्भ करने से पहले विषय के बारे में पूर्णतयः समझ लेना आवश्यक है। शोध में शोध नैतिकता का पालन अवश्य करना चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार की विधिक स्थिति उत्पन्न न हो। उन्हांने आयोजकां तथा प्रतिभागियो को शुभकामनाएॅ भी दी। इस कार्यक्रम के कोर्स डायरेक्टर डॉ0 सी0 एल0 मौर्य ने अवगत कराया कि कार्यक्रम में पूरे देश से 381 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। देश के प्रख्यात विशेषज्ञ एवं रेहाबोथ शैक्षणिक सेवा, बैंगलोर की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक डॉ0 गानासौन्दरी, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान अकादमी, हैदराबाद के प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 पी0 कृष्णन, कृषि लागत और मूल्य कमीशन के मा0 सदस्य एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 एन0 पी0 सिंह, भा0कृ0सां0अ0स0 नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ0 द्विजेश मिश्रा एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 के0 के0 चतुर्वेदी ने अपने-अपने विषयों पर व्याख्यान दिये। डॉ0 गानासौन्दरी ने उत्तम स्तर के शोध पत्र लेखन में किस प्रकार से शोध शीर्षक का चुनाव किया जाये, प्रस्तावना, विधियों, परिणाम एवं विचार विमर्श को लिखते समय ध्यान देने वाले आवश्यक बिन्दुओं के बारे मे परिचर्चा की। डॉ0 पी0 कृष्णन ने विदेशी शोध पत्रिकाओं में अपने शोध लेखन कैसे प्रकाशित कराये विषय पर व्याख्यान दिये। इसी प्रकार से डॉ0 द्विजेश मिश्रा ने शोध डाटा को किस प्रकार से गणना कर उचित परिणाम प्राप्त करने विषय पर व्याख्यान दिये। उन्होने गणना हेतु प्रयुक्त होने वाले सॉफ्टवेयर जैसे सैस, विस्टा, एएम, इसटैटा, एसपीएसएस, सिस्टैट के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। डॉ0 चतुर्वेदी ने शोध में अपनाये जाने वाले शोध नैतिकता के विषय मे विस्तृत जानकारी दी। डॉ0 एन0 पी0 सिंह ने वैज्ञानिक आख्या एवं शोध पत्र लेखन विषय पर विस्तृत परिचर्चा की। कार्यक्रम के अन्तिम दिन डॉ0 एच0 जी0 प्रकाश निदेशक शोध ने प्रशिक्षण की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसी प्रकार के और कार्यक्रम के आयोजन करने की आवश्यकता बताई। पूरे प्रशिक्षण का संचालन कोर्स निदेशक डॉ0 सी0 एल0 मौर्य जी ने किया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ0 नौशाद खान के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ0 विनय, डॉ0 पारस एवं श्री अमित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ0 मौर्य ने कार्यक्रम के अन्तिम दिन सभी वक्ताओं, वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम से जुड़े कर्मियो एवं वि0वि0 के तथा भा0कृ0अ0प0 नई दिल्ली के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया