अभय नाथ त्रिपाठी ने दिया त्याग पत्र

इस समय उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में देवरिया जनपद सदर सीट से पार्टी के प्रभारी एवं उम्मीदवार रहे अभय नाथ त्रिपाठी के इस्तीफे की चर्चा चारों तरफ आम हो गई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है अभयनाथ त्रिपाठी के त्यागपत्र और आरोपों से बहुजन समाज पार्टी BSP) को बड़ा झटका लगा है. पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे अभयनाथ त्रिपाठी ने बसपा से त्याग पत्र दे दिया है और पार्टी के कई नेताओं पर गम्भीर आरोप लगाया है. अभयनाथ त्रिपाठी 2017 के आम चुनाव में भी देवरिया सदर सीट से बसपा के प्रत्याशी रहे थे और बीते उपचुनाव में भी प्रत्याशी थे. इन दोनों चुनावों में उन्हें न सिर्फ हार का सामना करना पड़ा बल्कि वे तीसरे स्थान पर रहे. इस बार के उपचुनाव में बसपा के मतों में काफी गिरावट आ गई और पार्टी को महज 22,069 वोट ही मिले. आम चुनाव के मुकाबले यह करीब सात हजार कम था.अभय नाथ त्रिपाठी ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने पार्टी की गलत नीतियों से आजिज आकर इस्तीफा दिया है. पार्टी के कोआर्डिनेटरों की मानसिक एवं आर्थिक प्रताणना से तंग आकर चुनाव हारने के बाद ही बसपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. देवरिया की जनता व बसपा के ग्राम व स्थानीय कार्यकर्ताओं के हित को देखते हुए यह निर्णय लिया. अभय नाथ त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि बसपा अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है और अब केवल परिवारवाद व निजी स्वार्थ पर काम कर रही है. जनता भविष्य में इसका जवाब देगी.उन्होंने कहा है कि वह जनता की सेवा के लिएगौरतलब है कि यूपी की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला. सात में से छह सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा रहा तो एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई. बुलंदशहर की एक सीट को छोड़ दिया जाए तो पार्टी किसी भी जगह दूसरे नंबर पर नहीं रही. यहां सोचने वाली बात यह है की पार्टी का विधानसभा उपचुनाव में अपना खाता भी नहीं खुल पाया त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा इसका एकमात्र कारण है कि पार्टी अपने मूल उद्योगों से भटकना दूसरे राजनीतिक पार्टियों का अनुकरण कर रही हैं जिसके जो वास्तविक वोटर हैं उन लोगों ने भी इस समय पार्टी से दूरी बना ली उसी का परिणाम है कि देवरिया में पार्टी तीसरे स्थान पर रही। यह कहते हुए श्री त्रिपाठी ने बसपा की प्राथमिक की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया