किसानो की पडाली समस्या को दूर करने के लिए योगी सरकार लाई है यह योजना
किसानों के लिए पढ़ाली एक समस्या बन कर उभरी किसान अगर प्रणाली को जलाता है तो काफी कड़ा कानून है जिसके तहत प्रणाली जलाने वाले को कड़ी से कड़ी सजा तथा आर्थिक दंड का प्रावधान है जिससे लगभग किसान पीड़ित सा दीख रहा है किसानों की उसी समस्या को दूर करने के लिए 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ट्विट कर कहा था कि ‘प्रिय किसान भाइयों, आपका प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न संबंध है। पराली का जलना पर्यावरण एवं हम सबके लिए अत्यंत हानिकारक है। आप अन्नदाता हैं, आपका कार्य जीवन को सम्बल देना है। आइए, पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें।’ एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा था कि ‘पराली जलाने से संबंधित कार्यवाही में किसान भाइयों के साथ कोई दुर्व्यवहार/उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा।मुख्यमंत्री के इस ट्विट के बाद धरातल पर असर दिखना शुरू हो गया।
कानपुर देहात में तीन हजार कुंतल और उन्नाव में 1675 कुंतल से ज्यादा पराली किसानों से ली गई है। कानपुर देहात के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि पराली की समस्या को देखते हुए हम किसानों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा हमने तीन हजार कुंतल से ज्यादा पराली किसानों से ली भी है। उन्नाव डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि हमारे यहां 125 गोशाला हैं और पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद भी उपलब्ध है। दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दे रहे हैं जिससे किसानों की प्रणाली की समस्या भी दूर होगी और उन्हें जैविक खाद भी उपलब्ध होगी यदि यह व्यवस्था जमीनी स्तर पर लागू हो जाए तो किसानों को इस योजना से संजीवनी मिलेगी तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी सरकार के तरफ से एक अच्छा प्रयास होगा