पडाली ही नही जाने दिल्ली में प्रदूषण का क्या है प्रमुख कारण

पडाली ही नही जाने दिल्ली में प्रदूषण का क्या है प्रमुख कारण देश के जाने-माने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने के बाद सरकारें एक्टिव होती हैं. सालभर कुछ नहीं होता. दिल्ली का प्रदूषण, सरकार और विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है ठंड के दिनों में सामान्य तौर पर पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की दिशा में बहती है. ऐसे में जब पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में पराली जलाई जाती है तो हवा अपने साथ प्रदूषण लेकर आती है. पटाखा विरोधी अभियान : प्रदूषण को रोकने के लिए SDM, पुलिस और DPCC की 11 टीमें तैनात
दिल्ली में जल निकायों या जंगलों के अभाव की वजह से भी प्रदूषण बढ़ता है. पड़ोसी राज्यों से हवा में मिलकर प्रदूषण बिना किसी रुकावट के राजधानी में आ जाता है और लंबे समय तक बना रहता है.ठंड के दिनों में सामान्य तौर पर पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की दिशा में बहती है. ऐसे में जब पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में पराली जलाई जाती है तो हवा अपने साथ प्रदूषण लेकर आती है.
पटाखा विरोधी अभियान : प्रदूषण को रोकने के लिए SDM, पुलिस और DPCC की 11 टीमें तैनात
दिल्ली में जल निकायों या जंगलों के अभाव की वजह से भी प्रदूषण बढ़ता है. पड़ोसी राज्यों से हवा में मिलकर प्रदूषण बिना किसी रुकावट के राजधानी में आ जाता है और लंबे समय तक बना रहता है.
तापमान में बदलाव
दिल्ली में ठंड के दिनों में तापमान में बदलाव की वजह से भी प्रदूषण स्तर पर असर पड़ता है. सामान्य तौर पर ठंड के दिनों में तापमान नीचे जाता है. इस दौरान हवा भी काफी ठंडी रहती है जो कि धुंआ के कणों से मिलकर भारी हो जाती है. इससे प्रदूषण लंबे समय तक वायुमंडल में बना रहता है.
पर्यावरण नियमों की अनदेखी
देश के जाने-माने पर्यावरणविदों के मुताबिक दिल्ली का प्रदूषण, विभिन्न सरकारों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है. सांस के रोगी, बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इस वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं.
देश के जाने-माने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने के बाद सरकारें एक्टिव होती हैं. सालभर कुछ नहीं होता. दिल्ली का प्रदूषण, सरकार और विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है
तापमान में बदलाव
दिल्ली में ठंड के दिनों में तापमान में बदलाव की वजह से भी प्रदूषण स्तर पर असर पड़ता है. सामान्य तौर पर ठंड के दिनों में तापमान नीचे जाता है. इस दौरान हवा भी काफी ठंडी रहती है जो कि धुंआ के कणों से मिलकर भारी हो जाती है. इससे प्रदूषण लंबे समय तक वायुमंडल में बना रहता है.
पर्यावरण नियमों की अनदेखी
देश के जाने-माने पर्यावरणविदों के मुताबिक दिल्ली का प्रदूषण, विभिन्न सरकारों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है. सांस के रोगी, बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इस वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं.
देश के जाने-माने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने के बाद सरकारें एक्टिव होती हैं. सालभर कुछ नहीं होता. दिल्ली का प्रदूषण, सरकार और विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है.
बता दें कि बुधवार को दिल्ली के वजीरपुर इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 399 तक पहुंच गया. वहीं जहांगीरपुरी में यह 383 रहा. बवाना में एयर क्वालिटी इंडेक्स 392 और रोहिणी में 391 है.देश के जाने-माने पर्यावरणविदों के मुताबिक दिल्ली का प्रदूषण, विभिन्न सरकारों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पर्यावरण नियमों की अनदेखी के कारण बढ़ रहा है. सांस के रोगी, बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इस वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं.