भ्रष्टाचार उन्मूलन के क्रम में शासन अपने आदेश के प्रति गंभीर नहीं हैं –एण्टी करप्शन कोर

भ्रष्टाचार उन्मूलन के क्रम में शासन अपने आदेश के प्रति गंभीर नहीं हैं –एण्टी करप्शन कोर।
आज दिनांक ५-१२-२०२४ भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस बल सहयोग से भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतू अधिकार प्राप्त अधिकृत “एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)” का नौवां स्थापना दिवस संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. कमलेश ओझा जी ने किया–संगठन के तमाम गतिविधियों का चर्चा करते हुए उन्होंनें स्पष्ट रुप से यह कहा कि सरकार की मानसिकता सिर्फ आदेशों के माध्यम से भ्रष्टाचार को खत्म करने का हैं —न की शासन के भ्रष्टाचार उन्मूलन के आदेशों का सक्षम अधिकारियों द्वारा धरातल पर अनुपालन कराने में–जिसके प्रमाण में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कमलेश ओझा जी ने कहा कि शासन सरकारी जमीनों पर से अतिक्रमण हटाने का आदेश सभी सक्षम अधिकारियों को दिया –यह आदेश माननीय उच्च न्यायलय प्रयागराज के लखनऊ खण्ड पीठ का भी हैं–लेकिन लगता हैं कि सरकार के नज़र में ग्राम सभा की ज़मीनें जैसे (नवीन परती, आबादी की भूमि, रास्ता, खलिहान, पैरेंट आदि) सरकारी जमीनें नहीं हैं–क्योंकि इन जमीनों पर सक्षम अधिकारियों का ध्यान आखिर क्यों नहीं जाता –जबकि गांव स्तर पर अपराध का यह मूल जड़ हैं।
ऐसे ही ग्राम पंचायत में शासन द्वारा विकास का अधिकांश धन दिया जाता हैं–पर प्रायः ग्रामसभा आज भी विकास से कोसों दुर हैं–कारण सक्षम अधिकारियों के संरक्षण में भ्रष्टाचार युक्त तरीके से बिना किसी संवैधानिक प्रक्रिया को पुरा किये फर्जी अभिलेखों के आधार पर शासन के धन का बन्दरबांट–कोई संवैधानिक समीक्षा नहीं और ना ही दोषी के खिलाफ़ कार्यवाही –ऐसे ही तमाम शासकीय विभाग जो प्रस्ताव तो उच्च स्तर का करते हैं और निर्माण का स्तर निम्न से निम्न।
उत्तर प्रदेश प्रभारी डा. ऋषिकेश दुबे ने अपने सम्बोधन में यह स्पष्ट करते हुए शासन को यह संदेश दिया कि अगर समय रहते निचले स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों पर अंकुश नहीं लगया तो सक्षम अधिकारी कभी भी भ्रष्टाचार को खत्म करने में संवेदनशीलता नहीं दिखायेगें और वर्तमान में जो राजस्व विभाग, विकास विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग या अन्य शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार की स्थिति हैं वह देश व प्रदेश को पूर्ण रूपेण खोखला कर देगा–प्रमाण हैं तमाम समाधान दिवस व जनता दर्शन के बावजूद लोग न्याय न पाने के कारण मुख्यमंत्री जी व अन्य माध्यम के शरण में जातें हैं तथा अन्त में थक हार कर अन्याय अत्याचार तथा अपराध को सहन करने को बाध्य भी–ऐसे में बहुसंख्यक पीड़ित इन सक्षम अधिकारियों के वजह से शासन को दोषी मान लेते हैं तथा असक्षम करार कर देते हैं–इसलिए सरकार इस बिन्दु पर गौर कर उचित रास्ता अख्ति़यार करें तथा “एण्टी करप्शन कोर(एसीसी)” को भ्रष्टाचार उन्मूलन के प्रक्रिया का पूर्ण जिम्मेदारी देवें।
स्थापना दिवस को राष्ट्रीय महासचिव एड अंकित कुमार ओझा, राष्ट्रीय सचिव राम किशुन प्रजापति, मीडिया प्रभारी हरिशंकर त्रिपाठी,कमलेश पाण्डेय, अमित पांडेय,शिवनाथ यादव,चन्दन भट्ट आदि ने सम्बोधित किया।