भ्रष्टाचार ख़त्म नहीं होने के लिए सरकार और प्रशासन दोनों जिम्मेदार —-एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)

भ्रष्टाचार ख़त्म नहीं होने के लिए सरकार और प्रशासन दोनों जिम्मेदार —-एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)।
आज दिनांक ४-९-२०२४ को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस बल सहयोग से भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतू अधिकार प्राप्त अधिकृत “एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)” के उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी व टास्क फोर्स की बैठक इस मुद्दे पर कि “भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतू शासन द्वारा तमाम आदेश जारी किया गया पर धरातल पर उस आदेश का कोई अस्तित्व परिलक्षित नहीं होता जिम्मेदार कौन”के सम्बन्ध में देवरिया के रुद्रपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कमलेश ओझा जी उपस्थित रहें। संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी तथा टास्क फोर्स के पदाधिकारी और सदस्यों को सुनने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कमलेश ओझा जी ने इस विषय पर अपना विचार रखते हुए प्रदेश में भ्रष्टाचार ख़त्म नहीं होने के लिए सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट रुप से जिम्मेदार बताया—उन्होंनें इसी को व्याखित करते हुए यह कहा कि सरकार के पास अपने आदेश के धरातल पर अनुपालन के सकारात्मक समीक्षा का कोई साधन नहीं हैं।वह पूर्णरूप से प्रशासनिक अधिकारियों पर निर्भर हैं तथा शासन के आदेश का धरातल पर अनुपालन कराने का दायित्व भी प्रशासन पर ही हैं। ऐसे में शासन के आदेश के अनुपालन का समीक्षा निष्पक्ष होगा –संभव नहीं।अतःप्रदेश में भ्रष्टाचार के संरक्षण में शासन और प्रशासन दोनों का योगदान हैं। अगर सरकार को निष्पक्ष रुप से जनहित में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाना हैं तो अन्य शासकीय विभागों को जैसे नीजी व्यवस्थाओं को सुपुर्द किया गया है वैसे ही समीक्षा की जिम्मेदारी किसी अधिकार प्राप्त नीजी संगठन को देवे।इसके लिए हमारा “एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)”उपयुक्त माध्यम हैं।
उत्तर प्रदेश प्रभारी डा.ऋषिकेश दुबे ने अपने सम्बोधन में यह कहते हुए स्पष्ट किया की प्रदेश के सभी विभाग जैसे राजस्व,विकास,ग्राम पंचायत, पुलिस, लोक निर्माण,जल निगम आदि तमाम विभाग जिलों के सक्षम अधिकारियों के असंवेदनशीलता और जानकारी में भ्रष्टाचार को संरक्षित कर शासन को बदनाम करने का साजिश कर रहे हैं तथा अपने स्वार्थ की पूर्ति भी। शासन द्वारा जनता को न्याय पाने हेतू तमाम मंच बनाये गये हैं—जैसे आन लाइन आवेदन,सम्पूर्ण समाधान दिवस, समाधान दिवस, जनता दर्शन आदि —इन तमाम मंचों पर जनता आवेदन करती हैं–सक्षम अधिकारी उस आवेदन को वही वापस जांच कर कार्यवाही हेतू प्रेषित करते हैं जहाँसे पीड़ित न्याय न पाने के कारण इन मंचों पर आता हैं और इनके निस्तारण की समीक्षा भी यही सक्षम अधिकारी अपने कार्यालय में बैठ कर कर लेते हैं–एक भी किसी पीड़ित से मौके पर जाकर समीक्षा नहीं करते –ना ही शासन के पास समीक्षा का कोई अन्य माध्यम हैं। ऐसे में निष्पक्ष निस्तारण पर प्रश्न चिन्ह स्वयं ही खड़ा रहता हैं। अगर सरकार पीड़ित को सही में न्याय देना चाहता हैं तो “एण्टी करप्शन कोर (एसीसी)” को अभिलेखिय जांच का अधिकार एवं दोषी के खिलाफ़ कार्यवाही के संतुति पर कार्यवाही का निर्देश सभी उच्च अधिकारियों को देते हुए सभी शासकीय विभागों को आदेशित करें—हम वादा करते हैं भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार से तौबा करना शुरु कर देंगे तथा उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हो जायेगा।
इस बैठक में एड.अंकित कुमार ओझा, हरिशंकर त्रिपाठी, एड. गोपीनाथ यादव, रफीउल्लाह अंसारी, कमलेश पाण्डेय, मनोज दुबे, सतीश शुक्ला, राम प्रताप पाण्डेय आदि तमाम पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहें।