भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था सत्य,अहिंसा और सत्याग्रह पर प्रो.रजनी कांत पांडेय

भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था सत्य,अहिंसा और सत्याग्रह पर प्रो.रजनी कांत पांडेय
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
गोष्ठी मे भारत चीन संबंध विषय पर पुस्तक का हुआ विमोचन
रुद्रपुर-स्थानीय रामजी सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय
रूद्रपुर देवरियारामजी सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मे भारतीय वैश्विक परिषद नई दिल्ली के तत्वाधान मे आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव काल मे भारत -चीन सम्बन्ध’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ प्रो.रजनी कांत पाण्डेय,पूर्व कुलपति, प्रो हर्ष कुमार सिन्हा,आचार्य ,रक्षा अध्ययन,विभाग ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती व स्व सहाय जी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया,
कार्यक्रम संयोजक प्राचार्य प्रो .बृजेश कुमार पाण्डेय द्वारा अतिथियों को माल्यापर्ण कर अंगवस्त्र भेट कर उन्हे प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया
प्रो रजनी कांत पांडेय ने कहा कि चीन को सबसे ज्यादा खतरा भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था से है, सुदृढ़ लोकतांत्रिक व्यवस्था के कारण पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, यहां के लोकतंत्र की सबसे खूबसूरत बात ये है कि यहां विपरीत विचारधारा के बावजूद दोनों पक्षो को एक दूसरे ने सुना,युद्ध मानवता के विनाश का सबसे बड़ा कारण है, चीन बंदूक की नली पर विश्वास करता है जबकि भारत का पोलिटिकल सिस्टम सत्य,अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित है जिसकी वजह से वो दुनिया मे टिका है भारत अपने शांतिपूर्ण आक्रामक नीति से दुनिया का नेतृत्व करेगा!
प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत की बात विश्व के मंचो पर की जा रही है जिसकी वजह से उसकी धाक बनती जा रही है,140 करोड़ लोगों का बाजार दुनिया को आकर्षित करता है
डॉ संजीव कुमार ने गोष्ठी को ऑनलाइन संबोधन मे कहा कि भारत-चीन संबंध काफी उतार -चढ़ाव भरे रहे हैं, उन्होंने पंचशील सिद्धांत की चर्चा की, अंतराष्ट्रीय सम्बन्धो पर भारत का दृष्टिकोण सहअस्तित्व का रहा है
प्रो. अश्विनी कुमार मिश्र ने भारत-चीन संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत और चीन वैश्विक आधार पर मिल जाए तो हर समस्या का समाधान संभव है,
कार्यक्रम में ’21वीं सदी में भारत -चीन संबंध’ विषय पर पुस्तक का विमोचन भी किया गया
गोष्ठी मे प्रो .के डी तिवारी ,प्रो राम पांडेय ,प्रो देव व्रत तिवारी ,प्रो शैल पांडेय ,प्रो मंजू मिश्र, डॉ राजवीर सिंह,प्रो अजय मिस्र ,प्रो उदय भान, प्रो. संतोष यादव,डॉ आशुतोष सिंह,डॉ नरेंद्र कुमार शर्मा,डॉ मनीष कुमार,डॉ गौरव कुमार,डॉ शरद वर्मा,डॉ बृजेश कुमार,डॉ विमल कुमार, डॉ रेखा पांडेय,डॉ दिव्या त्रिपाठी,डॉ विनीता दीक्षित,डॉ देवेंद्र कुमार,डॉ सुधीर श्रीवास्तव, डॉ सुधीर दीक्षित, धीरज कुमार,शीतल कुमार,मुकेश चौधरी, संजय कुमार सहित तमाम शोधार्थी,छात्र -छात्राएं थे
अध्यक्षता प्रो.अश्विनी कुमार मिश्र व संचालन डॉ अजय पाण्डेय ने किया,