शिवसेना भी लड़ेगी अपने सिंबल पर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव

विधानसभा चुनाव से पहले पढ़ने वाले पंचायत चुनाव को सभी पार्टियां सेमीफाइनल मान रही है और अपने सिंबल पर पंचायत चुनाव लड़ने का दावा कर रही है गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी ओवैसी की पार्टी ने पंचायत चुनाव को अपने सिंबल पर उम्मीदवार लड़ाने का फैसला किया है।
अब सूत्रों के अनुसार शिवसेना ने थी अपने सिंबल पर उत्तर प्रदेश पंचायती चुनाव लड़ने का फैसला किया है आइए इस पर विस्तार पूर्वक जानते हैं कि क्या है मामला उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) व ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ओवैसी की पार्टी के बाद शिवसेना भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतार कर दो-दो हाथ करने के लिए आतुर है. विधानसभा आम चुनाव से पहले सेमीफाइनल माने जाने वाले पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल तक प्रस्तावित हैं. इसके लिए अनेक राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हैं
शिवसेना के उत्तर प्रदेश के राज्य प्रमुख अनिल सिंह ने बताया कि पार्टी की ओर से पंचायत चुनाव के लिए जिलावार समीक्षा कर प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं. सभी जिलों से आवेदन मांगे जा रहे हैं. इसके अलावा शिवसेना प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र में संगठन के शीर्ष नेताओं से भेंट कर उन्हें चुनाव की तैयारियों से अवगत कराएगा. प्रदेश पदाधिकारियों को चुनाव प्रबंधन के गुर सीखने के लिये महाराष्ट्र भेजा जाएगा. यह लोग करीब एक सप्ताह रूकेगे. वहां के बीएमसी और ग्रामीण आंचल में शिवसेना कैसे काम कर रही, यह सीखेगे. वहां से लौटने के बाद पूर्वांचल, पश्चिम बुन्देल खंड में प्रशिक्षण होगा. इसके बाद प्रत्याशियों का चयन कर उन्हें मैदान में उतारा जाएगा. अगर इसी बीच कांग्रेस से बात बन गयी तो उनके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा. चुनाव में सफलता भी मिलेगी.
कांग्रेस के साथ बातचीत हो रही है- अनिल सिंह
अनिल सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में हमारा संगठन अच्छा काम कर रहा है. पिछले चुनाव में 16 जिला पंचायत सदस्य और 150 से ज्यादा हमारे प्रधान चुनकर आए थे, जो ऑन रिकार्ड है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस के समर्थन से पंचायत चुनाव के लड़ने के लिए 16 जनवरी को हमारे सांसद अरविन्द सावंत आ रहे हैं, उनके साथ बैठक होगी. हमारा महाराष्ट्र में गठबंधन है. यहां भी हो सकता है. इसके लिए बातचीत हो रही है. बाकी बैठक में तय कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले कई पार्टियां पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रही हैं यदि पंचायत चुनाव पार्टियों के सिंबल पर लड़े जाते हैं तो पंचायत चुनाव और भी दिलचस्प हो जाएंगे तथा पंचायत का सशक्तिकरण भी हो सकता है जब से पार्टियों के पंचायत चुनाव लड़ने की चर्चा आम हुई है तब से ग्राम सभाओं में शोर-शराबा तेज हो चुका है गौरतलब है कि चुनाव आयोग मार्च से लेकर मई के बीच कभी भी चुनाव करा सकता है