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राज्य सूचना आयुक्त ने की लगातार तीसरे दिन सुनवाई

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राज्य सूचना आयुक्त ने की लगातार तीसरे दिन सुनवाई

तीसरे दिन आये 87 प्रकरणों में से 86 का हुआ निस्तारण

सूचना देना लोकसेवक की नौकरी का हिस्सा: राज्य सूचना आयुक्त

देवरिया, , 13 जुलाई

रिपोर्ट ऋषिकेश दूबे

माननीय राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में जन सूचना अधिकार अधिनियम- 2005 के अंतर्गत आये प्रकरणों की विशेष सुनवाई की। उन्होंने विशेष सुनवाई के तीसरे दिन कुल 87 प्रकरण आये जिनमें से 86 प्रकरणों का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि जन सूचना अधिकारी समय से सूचना देना नौकरी का हिस्सा बनाये। यदि विभिन्न विभागों में नामित जन सूचना अधिकारियों द्वारा 30 दिन की निर्धारित अवधि में अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप सूचना उपलब्ध करा दी जाए तो आवेदनकर्ता तथा अन्य विभागीय अधिकारियों के समय एवं धन दोनों की बचत होगी।

राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि आरटीआई अधिनियम को प्रभावी हुए लगभग 18 वर्ष की अवधि हो चुकी है। अधिकारियों को अधिनियम के सभी पहलुओं की भलीभांति जानकारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकरण को अनावश्यक रूप से लम्बित न रखा जाए, अन्यथा प्राविधानो के अनुरुप वे दण्डित भी किये जाएंगे है।

  राज्य सूचना आयुक्त ने बताया कि जनपद में तीन दिनों के दौरान उन्होंने 262 प्रकरणों की सुनवाई की जिसमें से 236 का निस्तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया गया। शेष प्रकरणों पर निर्णय सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने बताया कि कार्यालयों में जो सूचना उपलब्ध हो उसे ही उपलब्ध कराया जाए। किसी भी तरह की नई सूचनाओं का सृजन न किया जाए।उन्होंने कहा कि बेवजह सूचनाओं से सम्बंधित आवेदनों को लंबित न रखें, यदि सूचना उपलब्ध है तो उसे यथाशीघ्र आवेदक को उपलब्ध करा दें। यदि अभिलेखों को एकत्रित करने में समस्या हो अथवा अनुपलब्धता की स्थिति हो तो भी उन्हें समय-सीमा के अन्दर अवगत करायें, इससे जन सूचना अधिकारी अपील के स्तर से बच सकते हैं। साथ ही आयोग में प्रकरण प्रस्तुत होने पर जन सूचना अधिकारी अपना पक्ष मजबूती से रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयों में जन सूचना पंजिका भी होनी चाहिए, जिसमें प्रकरणों का अनिवार्य रुप से अद्यतन अंकन भी सुनिश्चित किया जाये। सभी कार्यालयो में नामित जन सूचना अधिकारी, सहायक जन सूचना अधिकारी, अपीलीय अधिकारी के नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर भी जन सुविधा के लिए अंकित होना चाहिए।
     राज्य सूचना आयुक्त ने यह भी कहा कि इससे जुडे सभी अधिकारी प्राविधानों का पूरी तरह से अध्ययन कर लें, जिससे कि उन्हे उसका पालन करने में आसानी हो। यदि आयोग में कोई प्रकरण आये, तो किसी सक्षम व जानकार विभागीय अधिकारी को ही भेजें, ताकि वह अपने पक्ष को पूरी स्पष्टता के साथ रख सके।
      इस अवसर पर एएसपी डॉ राजेश सोनकर, एसडीएम सदर योगेश कुमार गौड़, सीओ श्रीयश त्रिपाठी, डीआईओएस वीरेंद्र प्रताप सिंह, डीपीओ प्रोबेशन अनिल सोनकर, सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

प्रचारित प्रसारित द्वारा सूचना विभाग देवरिया।

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