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राहुल की सांसदी और चुनाव लड़ने पर खतरा:10 साल पहले फाड़े गए अध्यादेश से फंसा पेंच, ये पास होता तो मुश्किल ना आती

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राहुल की सांसदी और चुनाव लड़ने पर खतरा:10 साल पहले फाड़े गए अध्यादेश से फंसा पेंच, ये पास होता तो मुश्किल ना आती

2013 की बात है। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया। इसके मुताबिक अगर किसी सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती है, तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। वो अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।

उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सबसे बड़ा प्रभाव लालू प्रसाद यादव पर पड़ सकता था, क्योंकि चारा घोटाले में फैसला आने वाला था। लालू की पार्टी उस वक्त मनमोहन सरकार का हिस्सा थी। ऐसे में मनमोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश लाई, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए।

24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाती है। इसी बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पहुंचकर कहते हैं, ‘ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए।’ उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। इसके बाद ये अध्यादेश वापस ले लिया जाता है।

10 साल बाद राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मानहानि का दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद की सजा सुनाई है। ऐसे में चर्चा है कि अगर ये अध्यादेश पास हुआ होता तो आज राहुल गांधी पर लोकसभा सदस्यता जाने का खतरा नहीं मंडराता।

क्या इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो जाएगी? राहुल गांधी के पास अब क्या रास्ते बचे हैं? पहले किन नेताओं के साथ ऐसा हो चुका है?

सवाल-1 : 2019 में ऐसा क्या हुआ था, जिसके लिए राहुल को 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है?

जवाब : 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’

इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।

उनके वकील के मुताबिक, ‘राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।’

इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। मानहानि के मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है। यानी इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती है।

राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।

गुरुवार को सूरत कोर्ट पहुंचने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर राहुल गांधी।
गुरुवार को सूरत कोर्ट पहुंचने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर राहुल गांधी।
सवाल-2 : क्या दोषी साबित होने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी?

जवाब : ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 (3) के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी। वह रिहाई के 6 साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा।

‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट’ की धारा 8 (4) कहती है कि दोषी सांसद या विधायक की सदस्यता तुरंत खत्म नहीं होती। उसके पास तीन महीने का समय होता है। इस दौरान अगर वह हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर देता है तो उस अपील की सुनवाई पूरी होने तक सदस्यता नहीं जाती। अगर वह अपील नहीं करता है तो तीन महीने बाद उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है।

हालांकि, जुलाई 2013 में लिली थॉमस vs यूनियन ऑफ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 (4) के तहत मिली छूट को असंवैधानिक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि सांसद या विधायक दोषी करार दिए जाते हैं और उन्हें 2 साल या इससे ज्यादा साल की सजा सुनाई, तो दोषी करार होते ही उनकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी।

हालांकि, इस प्रक्रिया को पूरा करने में लोकसभा सचिवालय को कुछ समय लग सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के हिसाब से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खतरे में है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उन्हें अब तभी राहत मिल सकती है जब ऊंची अदालत दोषसिद्धी पर रोक लगा दे। सिर्फ सजा पर ही रोक लगाना काफी नहीं होगा।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी बताते हैं कि लोकसभा स्पीकर को राहुल को अयोग्य घोषित करने की शिकायत मिलती है तो लोकसभा सचिवालय एक या दो दिन में चुनाव आयोग को बता सकता है कि केरल की वायनाड सीट अब खाली हो गई है और चुनाव कराओ। या फिर राहुल को अपील कोर्ट से राहत मिल जाए यानी उनकी दोषसिद्धी पर रोक लगा दी जाए।

सवाल-3 : राहुल गांधी के पास क्या अब कोई रास्ता बचा है?

जवाब : अब राहुल को सिर्फ सजा के खिलाफ अपील दायर करने से ही राहत नहीं मिलेगी, बल्कि सजायाफ्ता सांसद को ट्रायल कोर्ट की तरफ से दोषसिद्धि के खिलाफ अपील कोर्ट स्पेसिफिक स्टे ऑर्डर दे। यानी सजा पर रोक नहीं बल्कि दोषसिद्धि पर ही रोक लगा दे तब राहुल की संसद सदस्यता जाने से बच सकती है।

अपील कोर्ट अगर ये कहे कि हम CrPC की धारा 389 के तहत सजा पर रोक लगाते हैं तो ये जमानत मिलने जैसा है। राहत तब मिल सकती है जब अपील कोर्ट दोषसिद्धि पर ही रोक लगा दे। ऐसी स्थिति में राहुल लोकसभा सांसद बने रह सकते हैं।

सवाल-4 : अगर सुप्रीम कोर्ट से भी सजा बरकरार रहती है, तो क्या राहुल गांधी कभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे?

जवाब : नहीं, ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी सजा बरकरार रखती है तो राहुल को 2 साल जेल में रहना पड़ सकता है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 8 (3) के तहत राहुल रिहाई के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यानी लगभग 8 साल तक राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

सवाल-5 : क्या इससे पहले भी दोषी साबित होने के बाद सांसदों की सदस्यता खत्म हुई है और वो दोबारा चुनाव नहीं लड़ सके?

जवाब : देश में ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ के आने के बाद से अब तक कई सांसद-विधायकों को अपना सदस्यता गंवानी पड़ी है…

लालू यादव : चारा घोटाले के बाद संसद सदस्यता गई

लालू यादव।
लालू यादव।
चारा घोटाले के मामले में साल 2013 में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी ठहराते हुए 5 साल के जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। साथ ही लालू सजा पूरी करने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सके।

रशीद मसूद : MBBS सीट घोटाले में 4 साल की सजा पाने के बाद सांसदी गई

रशीद मसूद।
रशीद मसूद।
MBBS सीट घोटाले में कांग्रेस के सांसद रशीद मसूद की सदस्यता चली गई थी। काजी रशीद कांग्रेस से राज्यसभा पहुंचे थे। कांग्रेस ने उन्हें UP से राज्यसभा में भेजा था। राज्यसभा सांसद रहते उन्हें MBBS सीट घोटाले में दोषी पाया गया। कोर्ट ने साल 2013 में चार साल की सजा सुनाई थी। इससे उनकी सांसदी चली गई।

अशोक चंदेल : उम्रकैद होने पर विधायकी गई

अशोक चंदेल।
अशोक चंदेल।
हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल की सदस्यता रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत साल 2019 में चली गई थी। 19 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट ने उन्हें हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सजा सुनाई थी।

कुलदीप सेंगर : उम्रकैद होने पर विधानसभा सदस्यता खत्म

कुलदीप सेंगर।
कुलदीप सेंगर।
उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक रेप केस में बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई थी। विधानसभा के प्रमुख सचिव की ओर से सजा के ऐलान के दिन यानी 20 दिसंबर 2019 से ही उनकी सदस्यता खत्म किए जाने का आदेश जारी किया गया था।

अब्दुल्ला आजम : 2 साल की सजा के बाद विधायकी गई

अब्दुल्ला आजम।
अब्दुल्ला आजम।
इसी साल फरवरी में मुरादाबाद की एक विशेष कोर्ट ने 15 साल पुराने मामले में सपा नेता आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। UP विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सीट को 2 दिन बाद ही रिक्त घोषित कर दिया था।

सवाल-6 : क्या राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के दूसरे मुकदमे भी पेंडिंग है? क्या उनमें भी सजा हो सकती है?

जवाब : राहुल गांधी पर मानहानि के 4 और मुकदमे चल रहे हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है…

  1. 2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है।

  2. 2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।

  3. 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने ‘मोदी चोर है’ कहा था।

  4. 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। IPC की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को BJP और संघ की विचारधारा से जोड़ा।

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