बाढ़ के पानी से रबी की खेती पर संकट किसान चिंतित

बाढ़ के पानी से रबी की खेती पर संकट किसान चिंतित
गगहा क्षेत्र के किसानों के खेते है अभी भी भरा है पानी
रिपोर्ट रघुवंश तिवारी
रकहट गोरखपुर।गगहा क्षेत्र में राप्ती और सरयू सहित तरैना नाले में आई बाढ़ को गुजरे दो सप्ताह हो गया। इसके बावजूद अभी भी सैकडो़ एकड़ से अधिक हेक्टेयर खेत पानी में डूबा हुआ है। इस वजह से किसानों की रबी की खेती अधर में फंसी नजर आ रही है। क्षेत्र के कछार और दियारा में बाढ़ का पानी हजारों हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसमें चना, मसूर, सरसों, जौ, गेंहू, मटर व कुछ हिस्से में सब्जी की खेती की जाती है। हर साल नदियों में जब बाढ़ आती है तो यह क्षेत्र लबालब भर जाता है। बाढ़ का पानी उतरने के उपरांत कातिक मांह में रवी फसल की बुबाई हो जाती है।इस बार इलाके में बाढ़ कातिक में पहली बार आयी है।लिहाजा कछरांचल के गंनगरी ताल सहित कछार और दियारा के निचले हिस्से पानी में डूबे हैं।किसानों ने कहा बेमौशम आयी बाढ़ के पानी को प्रशासनिक स्तर पर पहल कर बाढ़ के पानी को निकालने की कोई कवायद शुरू करनी चाहिए। ताकि इलाके के किसान आगामी फसल की बोआई कर सके।किसान काफी चितित हैं। यदि समय से पानी नहीं निकलेगा तो फिर उसे सूखने में काफी समय लग जाएगा। तब तक रबी का सीजन निकल जाएगा। किसनों का कहना है कि खरीफ बाढ़ में डूब गई और रबी की बोआई भी नहीं हो पाएगी तो किसानों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी।
बोले किसान
कातिक में आई बाढ़ और बारिश से हम किसानों की मेहनत पर कहर बन कर टूटी,इससे धान,बाजरा,अरहर,तील सहित खरीफ की फसल बर्बाद हो गईं । अब नदियों की बाढ़ तो कम हो गई लेकिन बाढ़ का पानी मजुरी मिश्रौली पुरे सहुआकोल गरयाकोल ,अहिरौली,चेडवा,श्रीरामपुर, सहित आदि गांवों के खेतों में अभी भी भरा है। खेतों में पानी भरा होने से रवी की फसल आलू, गेहूं, सरसों, चना, मटर, मसूर, जौ आदि की बुवाई नहीं हो पा रही है। इससे किसान चिंतित हैं। उनका कहना है कि रबी की फसल नहीं होगी तो परिवार का गुजारा कैसे होगा।
_सुग्रीव यादव श्रीरामपुर।
-रबी की बुवाई का समय चल रहा है लेकिन खेतों में पानी न सूख पाने से इस साल खेत खाली ही पड़े रहने का अंदेशा है। बाढ़ के कहर से खरीफ की फसल नष्ट हो गई है। अब खेतों में पानी भरा होने से गेहूं की भी बुवाई नहीं हो पा रही है।
–राजेश कुमार निषाद,नवाचक गडही।
_तीन एकड़ धान की तैयार फसल बाढ़ में डूब गई।अभी भी खेतों में बाढ़ का पानी भरा है। जब तक खेतों का पानी सूखेगा तब तक रबी फसल का समय निकल जाएगा। जिससे साल भर खाने के लिए गेहूं कहां से लाएंगे।
– प्रमोद पान्डेय रकहट।