शहरी कौशल दक्षता अभियान के पोषक रसोइ वागवानी पर एक दिवसीय संगोष्टी समपन्न
 
                शहरी कौशल दक्षता अभियान के पोषक रसोइ वागवानी पर एक दिवसीय संगोष्टी समपन्न ।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 डी0आ0सिंह संगोष्टी मे उपस्थिति थे ।
भोजन के साथ फल और सब्जियों की नितांत आवश्यकता।
रिपोर्ट एस० एन० त्रिपाठी
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं  प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय,कानपुर के प्रसार निदेशालय द्वारा
पल  पोषण सुरक्षा हेतु शहरी कौशल दक्षता अभियान के “पोषक रसोई बागवानी ” कौशल एक दिवसीय प्रशिक्षण  जाजमऊ में आयोजित किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति डा० डी आर सिंह के कुशल निर्देशन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया । कुलपति ने  कहा कि शहरी महिलाये पोषण सुरक्षा  प्रबन्धन  हेतु जागरुक हो । इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार डॉक्टर धूम सिंह ने  पोषक रसोई बागवानी का महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में फल एवं सब्जियां गमलों तथा किचन गार्डन एवं छतों पर लगाकर जैविक उत्पाद प्राप्त कर शुद्ध फल व सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं उन्होंने कहा की मनुष्य केवल  अनाज वाली फसलों पर आधारित नहीं रह सकता है। 
उसे भोजन के साथ साथ फल एवं सब्जियों की अति आवश्यकता होती है फल एवं सब्जियां मनुष्य के शरीर में बहुत सी बीमारियों से रक्षा करता है तथा प्रतिरोधक क्षमता भी पैदा करती हैं जिससे शरीर के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा होती है। साथ ही कुपोषण से ही बचा जा सकेगा।
     शहरी महिलाओ को महिला वैज्ञानिकों द्वारा “पोषक रसोई बागवानी” जो घर पर छोटी जगह , छत पर व जो खाली जगह हो उसमे वर्ष भर सब्जी , फल के उत्पादन एवं प्रसंस्करण  पर जानकारी दी गई।
   इस अवसर पर प्रशिक्षण मे डा० जितेन्द्र सि, डा० एस बी पाल, डा० आशा यादव,डा० साधना वैश  डा० एन लारी  एवं  डा० जितेन्द्र सिंह एवं विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान आदि  कृषि वैज्ञानिको ने विस्तार से  जानकारी दिया।
  श्रमिक भारती के श्री राना सिंह ने  प्रशिक्षण को सामायिक आवश्कता के अनरुप  उपयोगी बताया ।
  प्रेरणा महिला समिति के निदेशक श्री विनोद कुमार शुक्ला ने कहा कि आज  विश्वविद्यालय द्वारा शहरी महिलाओ को दी गई जानकारी सैकडो घरो मे पोषक रसोई बागवानी की  तकनीकी पहुचेगी इस अभियान को विश्विद्यालय  से मिलकर आग बढायेगे  ।
    सभी प्रतिभागीयो ने कहा कि  आज एसी जानकारी पहली बार मिली हम विश्विद्यालय  के आभारी है ।
 
                         
                                 
                                 
                                