शासन के मंशा के विपरीत न्याय को फांसी देते रुद्रपुर तहसील के मजिस्ट्रेट

शासन के मंशा के विपरीत न्याय को फांसी देते रुद्रपुर तहसील के मजिस्ट्रेट।
रिपोर्ट ऋषिकेश दुबे
रुद्रपुर तहसील आजकल पीड़ितों का कब्रिस्तान बन गया हैं।एक पीड़ित बर्षो अपना मुक़दमा तहसील में दाखिल कर न्याय के उम्मीद में तहसील का चक्कर लगाता हैं और न्याय के जगह तारिख लेकर घर आता हैं।
अब प्रश्न यह हैं शासन लगातार राजस्व वादों का निस्तारण समयबद्ध समय में करने का आदेश पारित करता रहा हैं पर उसका अनुपालन धरातल पर नहीं दिखाई देता और दिखे भी कैसे जब बार और बेंच में कोई समन्वय ही नहीं हैं।
बार और बेंच में समन्वय न होने का बड़ा प्रमाण आज देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील में दिखाई दिया –जहां विद्वान अधिवक्ता गण उप जिला मजिस्ट्रेट आईएएस श्रुति शर्मा के न्यायलय का बहिष्कार कर रहे थे और उप जिला मजिस्ट्रेट बिना अधिवक्ता के मुवक्किलों का सुन कर वादों का निस्तारण कर रहीं थी।
विचित्र विडम्बना हैं बेंच बिना बार के फाइलों पर कार्यवाही कर रहा हैं —अब पीड़ित कितना न्याय पायेंगा इस पर और शासन और प्रशासन के व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हैं।
अधिवक्ता गण का आरोप हैं कि उप जिला मजिस्ट्रेट का रवैया तानाशाही हैं और वे न्यायालय में बिना अधिवक्ता को सुने मनमाने तरीके से फाइलों का निस्तरण कर दे रहीं हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। न्यायलय में फाइलें सुव्यवस्थित नहीं हैं तथा खोजनें पर नहीं मिलता–आदि तमाम आरोप हैं जो न्यायहित में जायज हैं। विद्वान अधिवक्ता गण जो आन्दोलन रत हैं उसमें बार संघ के अध्यक्ष सभामणि मिश्रा, उपाध्यक्ष शशिभूषण सिंह, महामंत्री आनन्द शंकर मणि वरिष्ठ अधिवक्ता राजशरण सिंह, ओम प्रकाश मणि, परशुराम मिश्रा, अनिल द्विवेदी, पूर्व बार संघ अध्यक्ष राजेश कुमार त्रिपाठी, बृजभूषण पाण्डेय, कृष्णामूर्ति त्रिपाठी,पंकज,विकासधर द्विवेदी, अभिषेक सिंह आदि सभी अधिवक्ता शामिल हैं।