किसी भी देश की विदेश नीति उसके राष्ट्रीय हित पर आधारित हो*प्रो .अनिल दत्त मिश्र

किसी भी देश की विदेश नीति उसके राष्ट्रीय हित पर आधारित होप्रो .अनिल दत्त मिश्र*
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
रुद्रपुर देवरिया भारतीय वैश्विक परिषद(ICWA) द्वारा अनुदानित ‘आजादी के अमृत महोत्सव काल मे भारत -चीन सम्बन्ध’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ
जहा मुख्य अतिथि प्रो अनिल दत्त मिश्र,पूर्व उप निदेशक विशिष्ट अतिथि प्राचार्या प्रो ममता मणि त्रिपाठी , पूर्व प्राचार्य प्रो डी एन पांडेय ने माँ सरस्वती व सहाय जी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम शुरू किया ,
प्राचार्य प्रो बृजेश कुमार पाण्डेय ने अतिथियों को अंगवस्त्र व माल्यापर्ण के साथ प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत किया
मुख्य अतिथि प्रो अनिल दत्त मिश्र ने भारत -चीन संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी देश की विदेश नीति उसके राष्ट्रीय हित पर निर्भर करती है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सम्बन्ध स्थायी नही होते हैं बल्कि आर्थिक हित के आधार पर तय होते हैं,हमारी विदेश नीति चाणक्य नीति से नही,बल्कि ग़ांधी,बुद्द और महावीर स्वामी से प्रभावित है
प्रो .डी एन पाण्डेय ने कहा कि राजनीति सत्ता का खेल है और अंतरराष्ट्रीय राजनीति दुनिया मे अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कला है,1945 तक विश्व की अर्थव्यवस्था दो गुटों में विभक्त थी,पहला साम्य वादी तथा दूसरा पूंजीवादी,1954 तक का काल सहयोग और मैत्री का काल रहा है, स्व.पण्डित नेहरू ने स्वतंत्र विदेश नीति का विकास किया,गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई,नेहरू चीन की यात्रा पर जाते हैं तो हिंदी -चीनी भाई -भाई का नारा लगता है और पंचशील सिद्धान्त का उदय होता है,
प्रो ममता मणि त्रिपाठी ने
प्रो ममता मणि त्रिपाठी ने कहा कि चीन विस्तारवादी नीति पर कार्य करता है जबकि भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर कार्य करता है,
प्रो बी आर दीपक ,जे एन यू ने कहा कि भारत -चीन के सम्बंध अतीत काल से ही सौम्य और गौरवशाली रहे हैं, चीनी भाषा मे आज भी लगभग 35000 शब्द संस्कृत के हैं, वहां के साहित्य में भारत ने छाप छोड़ी है, चीनी ग्रंथो में रामायण और महाभारत की कहानियां मिलती हैं!
डॉ संजीव कुमार रिसर्च फेलो icwa ने कहा कि भारत -चीन के रिश्ते बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य पर निर्भर करते हैं
कार्यक्रम मे ,प्रो धीरेंद्र सिंह,प्रो वाचस्पति द्विवेदी, प्रो विजय कुमार राय,प्रो शैलेन्द्र राव, ,डॉ भूपेश मणि त्रिपाठी,डॉ अनूप श्रीवास्तव, डॉ अरविंद कुमार,,डॉ सज्जन कुमार गुप्त,डॉ आशुतोष सिंह,डॉ ,डॉ मनीष कुमार,डॉ गौरव कुमार,डॉ शरद वर्मा,डॉ बृजेश कुमार,,डॉ दिव्या त्रिपाठी,डॉ विनीता दीक्षित,डॉ देवेंद्र कुमार,डॉ सुधीर श्रीवास्तव, डॉ सुधीर दीक्षित, धीरज कुमार,शीतल कुमार,मुकेश चौधरी, संजय कुमार सहित तमाम शोधार्थी,छात्र -छात्राएं उपस्थित थे
अध्यक्षता राजेश कुमार श्रीवास्तव, संचालन डॉ रेखा पाण्डेय ने किया,
डॉ आनंद मोहन आए अतिथियों का आभार प्रकट किया