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विशेष सचिव पशुधन ने विभिन्न गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण कर पशु सहभागियों व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात व संवाद कर ली जानकारी

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विशेष सचिव पशुधन ने विभिन्न गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण कर पशु सहभागियों व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात व संवाद कर ली जानकारी

शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी विशेष सचिव ने निराश्रित गौवंशों के संरक्षण व भरण-पोषण सहित सहित अन्य बिन्दुओं पर की समीक्षा बैठक

दूर-दराजों के पशुपालक पशुओं के घायल, चोटिल होने पर इलाज, टीकाकरण, सलाह परामर्श हेतु टोल फ्री नम्बर-1962 पर करें कॉल

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अन्तर्गत ‘‘पशु उपचार, पशुपालक के द्वार’’ 1962

विशेष अभियान चलाकर चारागाह भूमि से हटेगें अवैध कब्जे-जिलाधिकारी

निराश्रित गोवंश के लिए नैपियर घास व अजोला का शुरू होगा उत्पादन-विशेष सचिव पशुधन

पशु सहभागियों व गोआश्रय स्थल संचालको के खाते में बहुत जल्द शुरू होगी ऑनलाईन पैसा ट्रान्सफर स्कीम

भदोही 14 जुलाई 2023ः- उ0प्र0 शासन द्वारा निराश्रित गौवंशों के संरक्षण, भरण-पोषण सहित पशुओं के कल्याण के सम्बन्ध में विन्ध्याचल मण्डल व जनपद भदोही हेतु बनाये गये नोडल अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय आईएएस विशेष सचिव, पशुधन विभाग, उ0प्र0 शासन ने अपने जनपद भ्रमण के अन्तर्गत मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह के साथ विभिन्न गौआश्रय स्थलों का निरीक्षण कर पशु सहभागियों व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात व संवाद करते हुए जानकारी ली। तत्पश्चात् राजस्व अतिथि गृह सभागार में जिलाधिकारी गौरांग राठी के साथ समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया।
विशेष सचिव, पशुधन विभाग द्वारा विकास खण्ड अभोली के मसूधी दूर्गागंज के अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल सहित विकास खण्ड सूरियावॉ के कस्तुरीपुर एवं विकास खण्ड ज्ञानपुर के रमईपुर सहित अन्य गौआश्रय स्थलों का निरीक्षण किया। उपर्युक्त गौशालाओं के निरीक्षण के दौरान गौवंश की वास्तविक संख्या एवं सुर्पुगी में दिये गये गोवंश की संख्या का अभिलेखो से मिलान सत्यापन किया। उन्होंने गौशालाओं में पानी, चारे एवं समुचित पशु चिकित्सकीय सुविधाओं की संतोषजनक स्थिति का अवलोकन किया। संरक्षक गोवंश के बारे में उन्होंने अवगत कराया कि समस्त गोवंश स्वस्थ अवस्था में हैं। निराश्रित/बेसहारा गोवंश के संरक्षण हेतु निर्माणाधीन गो संरक्षण केंद्रों के संबंध में, माननीय मुख्यमंत्री जी की निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना अंतर्गत लक्ष्यों के निर्धारण, निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु अपनाई गई रणनीति, संरक्षित निराश्रित गोवंश की संख्या, नवीन स्थापित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल संख्या, वृहद गौ संरक्षण केंद्र की क्रियाशीलता की स्थिति एवं निर्माणाधीन केंद्रों में गोवंश संरक्षण की स्थिति, अस्थाई गोवंश की संख्या के अनुरूप शेड की उपलब्धता, भूसा हरे चारे संग केंद्रित आहार की उपलब्धता, संरक्षित गोवंश के स्वास्थ्य की स्थिति यथा स्वस्थ अथवा कमजोर, भरण पोषण हेतु धनराशि की उपलब्धता गोवंश के भरण पोषण हेतु प्राप्त धनराशि के सापेक्ष जनपद द्वारा प्रेषित उपयोगिता प्रमाण पत्र की स्थिति, गोवंश की देखरेख हेतु केयर टेकर/श्रमिकों की व्यवस्था, संरक्षित गोवंश में ईयर टैगिंग की स्थिति, नर गोवंश के बधियाकरण की स्थिति, जनपद के ऐसे विकासखंड जिसमें सबसे ज्यादा निराश्रित गोवंश हैं में क्षेत्रीय स्तर पर गोवंश संरक्षण हेतु क्या-क्या किया जा रहा है, निराश्रित गोवंश के संरक्षण के प्रति जनमानस की सहभागिता की स्थिति, जनपद में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के संबंध में किये गये कार्याे पर प्रमुखता से जानकारी लेकर उनके प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। नोडल अधिकारी ने गौआश्रय स्थलों पर विभिन्न रजिस्टरों-भूसा, गायों की उपस्थिति, चारा, सूपूर्दगी, चिकित्सा पंजिका का अवलोकन किया। उन्होंने भूसा दान हेतु प्रेरित करना, पानी की टंकी की नियमित रूप से साफ-सफाई, नियमित रूप से ग्राम सभा स्तर पर बैठक, आश्रय स्थलों के फेन्सिग/बाहर चाहरदिवारी पर करौदा का पौधरोपण किया जाय आदि आवश्यक मार्गदर्शन करते हुए निर्देश दिये।
विशेष सचिव पशुधन ने इस दौरान गौवंश सहभागियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा पशु आधारित चलायी गयी योजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द गौवंश सहभागियों का सत्यापन कराकर व गौआश्रय स्थलों में गौवंशों के भरण-पोषण हेतु आवंटित बजट ऑनलाईन सीधे खाते में ट्रान्सफर की जायेगी। उन्होंने संवाद के दौरान भावनात्मक अपील करते हुए गौवंशों को सेवा भाव से उनके देख-रेख के प्रति लोगों को जागरूक किया।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी गौरांग राठी ने जनपद भदोही स्थित निराश्रित गौवंशों को शत-प्रतिश संरक्षित किये जाने के सम्बन्ध में गौशालाओं तथा उनके भरण पोषण हेतु भूसा संग्रहण सम्बन्धित अन्य बिन्दुओं पर आवश्यक जानकारी दिया। उन्होंने विशेष सचिव को अवगत कराया कि जनपद में निराश्रित गौवंश की संख्या 6358 है। जनपद में 26 अस्थायी गोआश्रय स्थल, एक स्थायी कान्हा, व दो वृहद गोसंरक्षण केन्द्र कुल 29 गोआश्रय स्थल है। आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के संरक्षण में आ रहे गैप प्रतिपूर्ति हेतु एस0एफ0सी0 पूलिंग करायी गयी धनराशि 26 लाख 50 हजार 06 सौ 39 है। आश्रय स्थलों को जून 2023 के भरण-पोषण हेतु भुगतान प्रक्रियाधीन है। जिलाधिकारी ने बताया कि पशुओं के देख-रेख व उपचार हेतु जनपद के तीन कैटल कैप्चर एवं चार मोबाइल वेटरनरी यूनिट वैन क्रियाशील है। तहसील औराई में वृहद गोसंरक्षण केन्द्र उदयकरनपुर सहित 04 अन्य अस्थायी गोआश्रय स्थल अन्तिम रूप से पूर्ण है। अस्थाई गोआश्रय स्थल तेजसिंहपुर सुरियावॉ में 22 बीघे के आसपास उपलब्ध भमि के दृष्टिगत उसे बृहद गोसंरक्षण केन्द्र में उच्चीकृत करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
विशेष सचिव पशुधन ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के दूर-दराज के पशुपालकों को सूचित किया जाय कि पशुओं की चिकित्सा, टीका की मूल-भूत सुविधा, बेसहारा व घायल, चोटिल हो रहे पशुओं को संरक्षित करने व इलाज के लिए टोल फ्री नम्बर-1962 पर कॉल करें। जिसपर पशुपालकों के द्वार पर ही मोबाइल वेटरनरी वैन द्वारा पहुॅचकर उपचार करेगी। उन्होंने बताया कि जहॉ पर हमारे किसी भी विभाग पशुपालन, कृषि विभाग, संस्थाओं की पहुॅच नही है और वहॉ के पशुपालक संस्थानों तक नही आ पाते ऐसे पशुपालकों के पशु से सम्बन्धित शिकायतों, बीमारी, उपचार, सलाह, परामर्श आदि का लाभ पशुपालकों के द्वार पर मोबाइल वेटरनरी वैन के द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में गोचर भूमि/चारागाह को कब्जा मुक्त कराकर वहॉ निराश्रित गोवंश के लिए बहुवर्षीय चार नैपियर घास का उत्पादन शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि नंद बाबा मिशन योजना, व गोकुल मिशन के अन्तर्गत स्वदेशी गोसंवर्द्धन योजना लागू की जा रही है। उन्होंने लघु पशु योजना व लाइव स्टाक मिशन के तहत बकरी, सूकर, भेड़, पालन पर पशुपालकों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी गौरांग राठी ने विशेष सचिव को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों का शत-प्रतिशत निर्देशों को सुनिश्चित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने उपस्थित एडीएम कंुवर वीरेन्द्र मौर्य को निर्देशित किया कि 45 दिनों में विशेष अभियान चलाकर जनपद के चारागाह भूमियों से अवैध कब्जें को हटाते हुए शासन को अवगत कराया जाय। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जिला कृषि अधिकारी से समन्वय करते हुए जनपद में नैपियर घास के साथ हरे चारे हेतु अजोला की खेती शुरूआत करने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में सहित पशु चिकित्साधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी डॉ0 पंकज कुमार, समस्त अधिशासी अधिकारी एवं सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

रिपोर्ट विरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा

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