रफ्तार, रक्षा, विकास, सियासत… पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से एक नहीं सधेंगे कई हित, जानें कौन-कौन से फायदे

रफ्तार, रक्षा, विकास, सियासत… पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से एक नहीं सधेंगे कई हित, जानें कौन-कौन से फायदे
उत्तर प्रदेश का 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे कई मोर्चों पर उपयोगी साबित होगा
यह न केवल यात्रा को रफ्तार देगा बल्कि देश की रक्षा प्रणाली को भी मजबूत करेगा
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से इलाके में विकास कार्यों और उद्योग-धंधों को भी पंख लगेंगे
उत्तर प्रदेश में 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का आज उद्घाटन हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए कई तरह से उपयोगी साबित होने वाला है। यूपी के नौ जिलों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे वाहनों को तेज रफ्तार देकर यात्रा का वक्त तो बचाएगा, इससे उद्योग-धंधों और विकास परियोजनाओं को भी पंख लगेंगे। इतना ही नहीं, 3.4 किमी के एयरस्ट्रिप की वजह से चीन-पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा भी मजबूत होगी।
तेज रफ्तार से कम होगा सफर का वक्त
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के कारण दिल्ली से गाजीपुर तक का सफर सिर्फ 10-11 घंटे में पूरा हो जाएगा। अब तक लखनऊ से ही गाजीपुर तक का सफर पूरा करने में 9 से 10 घंटे का समय लग जाता था।
नोएडा से आगरा- 2 से 2.30 घंटे
आगरा से लखनऊ – 3 से 3.30 घंटे
लखनऊ से गाजीपुर – 4 से 4.30 घंटे
लखनऊ-सुल्तानपुर राजमार्ग पर चंदसराय गांव से निकलेगा। यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ से होकर गुजरेगा और गाजीपुर जिले के हलदरिया गांव पर खत्म होगा। फिलहाल एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया गया है। इसे बाद में आठ लेन का किया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से दो लिंक एक्सप्रेसवे भी निकाले जाएंगे। इनमें एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो गया है। इस एक्सप्रेसवे को भी 2023 तक शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा बलिया लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण भी किया जाएगा। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे का भी खाका तैयार कर लिया गया है।
एक्सप्रेस-वे के रूट पर 18 फ्लाइओवर
इस एक्सप्रेसवे की खास बात है कि इस पर 3.41 मीटर की एयर स्ट्रिप भी बनाई गई है। इस एक्सप्रेस-वे के रूट पर 18 फ्लाइओवर, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 6 टोल, 5 रैंप पास और 7 अंडरपास हैं। इसके अलावा 118 छोटे पुल और 502 पुलिया हैं। फिलहाल एक्सप्रेस-वे को 6 लेन का बनाया गया है, जिसका विस्तार आठ लेन तक किया जा सकता है। एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर पैकेज पर 112 की गाड़ियां मौजूद रहेंगी। साथ ही हर पैकेज पर दो ऐंबुलेंस भी तैनात रहेंगी। इसके अलावा पुलिस चौकी का निर्माण भी एक्सप्रेस-वे पर बनाया जाएगा। साथ ही हैलिपैड का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर 8 पेट्रोल पंप शुरू किए जाएंगे। साथ ही सीएनजी स्टेशन भी लगाया जाएगा। यूपीडा सीईओ ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्ज स्टेशन भी बनाया जाएगा।
एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित होगा इंडस्ट्रियल एरिया
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के आसपास 5 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स बनाने की योजना है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे के आसपास खाद्य उत्पाद एवं प्रोसेसिंग, वेबरेज, रिफाइंड, पेट्रोलियम उत्पाद, केमिकल उत्पाद, नॉन मेटालिक मिनरल प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट, मेडिकल और डेंटल इक्विपमेंट्स से संबंधित इंडस्ट्री लगाई जाएगी। इसके लिए 9,197 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है। यहां इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आसपास के जिलों की चिह्नित कर ली है।
खुलेगा 11 जिलों के औद्योगिक विकास का रास्ता
इससे एक्सप्रेसवे के आसपास बसे 11 जिलों के औद्योगिक विकास का रास्ता साफ होगा। इनमें बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, अयोध्या, संतकबीर नगर, गोरखपुर, अंबेडकरनगर और बलिया शामिल है। बाराबंकी में खाद्य उत्पाद, लकड़ी और दवा उद्योग के विकास से लिए 735 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है। इसी तरह अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और संतकबीरनगर में फूड प्रॉडक्ट्स इंडस्ट्री विकसित करने की योजना है। जौनपुर और अंबेडकरनगर में टेक्सटाइल, अयोध्या और गोरखपुर में मेडिकल उपकरण और बलिया में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री विकसित करने की योजना है।