अब आस जगी है,गैंग पीड़िता को इंसाफ मिलने की

अब आस जगी है,गैंग पीड़िता को इंसाफ मिलने की
सरकार भले ही महिलाओं को सशक्तिकरण की बातें करती हो परन्तु अभी भी महिलाओं को रोजगार देने के नाम पर उनका शारीरिक शोषण करने की घटनाएं आम हो गई हैं परन्तु महिलाएं उनके साथ हुए हादसे को समाज में अपनी गरिमा गिरने के डर से उसे उजागर करने में डरती रहती हैं जिसका फायदा भ्रष्ट बलात्कारी उठाते रहते हैं। परन्तु जब उनके पाप हद से ज्यादा हो जाते हैं तो प्रकृति उन्हें दंड देने के लिए किसी पीड़िता के अंदर भ्रष्ट चरित्र वाले बलात्कारी लोगों को सजा दिलाने के लिए समाज से भी भयभीत ना होकर सत्य उजागर करती हैं।
ऐसी ही एक घटना का खुलासा उस समय हुआ जब एक विधवा बहन दामिनी (काल्पनिक नाम)ने अपनी विधवा बहन फूलन देवी को सामुदायिक शौचालय में केयर टेकर की संविदा पर नियुक्त कराने के लिए ग्राम पंचायत सचिव नरोइया भरावन ब्लाक के संतोष कुमार से अपनी बहन को नौकरी देने के लिए बार बार उससे सम्पर्क करने का प्रयास करती है उसी दौरान दिनांक 29 मार्च 2021 को संतोष कुमार ने उसे फोन किया तो उसने बताया कि वह ढिकुन्नी से लौट रही है उसे आने को कहा और रास्ते में अपने दो साथियों के साथ एक वैगनार गाड़ी में जबरन उसके साथ गैंगरेप किया और फिर उसका वीडियो बना कर उसे ब्लैक मेल करने लगें और बार बार उसके साथ बलात्कार किया गया। उसके साथ बलात्कार करने वालों में एक पत्रकार और एक भाजपा कार्यकर्ता शामिल बताए गए हैं।
उसके साथ बार बार बलात्कार करने से भी उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने उसकी बहन फूलन को भी अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश में उसका सचिव संतोष कुमार ने केयर टेकर का मानदेय रोक दिया और जब उसने अपना मानदेय मांग किया तो उसने कहा कि एक रात के लिए वह उसके साथ बिताए तो उसका मानदेय दिया जाएगा जब फूलन देवी ने मना किया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
फूलन देवी ने सचिव नरोइया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए साहस किया।और जिलाधिकारी और महिला आयोग को शिकायत डाक से भेजा और आर टी आई ऐक्टिविस्ट और प्रत्याशी सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मुन्ना लाल शुक्ला को बताया तो उन्होंने उनके गांव जाकर गांव की अन्य महिलाओं को एकत्र कराकर कार्रवाई कराने और आंदोलन तक करने का वचन दिया और फिर मुन्ना लाल शुक्ला आर टी आई ऐक्टिविस्ट ने उसकी आवाज उठाई थी। पब्लिक ऐप पर बार बार बयान जारी किया और दि वीक पत्रिका को खबर दी और उस में वह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। उसके बाद ग्राम पंचायत सचिव संतोष कुमार ने क्षेत्रीय दबंगों को पैसा खिलाना शुरू कर मामले को दबाने की भरपूर कोशिश किया। पीड़िता के परिवार को जबरन समझौता कराने के लिए डराया धमकाया गया उन्हें भी खरीदने की कोशिश की गई।जान से मारने की धमकी दी जा रही है। परन्तु इन सबके बावजूद भी मामला दबा नहीं आखिर 3-11-2021को थाना अतरौली को एक आई आर दर्ज करना पड़ा है।कल कोई चैनल वाले भी पीड़िता के बयान लेने गये थे। इसलिए अब लगता है कि मीडिया पीड़िता को इंसाफ दिलाने में आगे आयेंगे और महिलाओं को अपनी गरिमा बनाए रखने में मदद मिलेगी।