सूर्य योग मुद्रा : वजन को नियंत्रित करने और ऊर्जा को बढ़ाने के लीये जानिये योग मुद्रा की विधि और लाभों को

सूर्य योग मुद्रा : वजन को नियंत्रित करने और ऊर्जा को बढ़ाने के लीये जानिये योग मुद्रा की विधि और लाभों को_*
DR RAO P SINGH
योग मुद्रा एक प्राचीन तकनीक है जिसका अभ्यास हम प्राणायाम और मेडिटेशन के दौरान करते हैं। मुद्रा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ हावभाव (attitude) है। प्राचीन काल में साधु संत शरीर के अंदर मौजूद पांच तत्व हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को संतुलित रखने के लिए योग मुद्राएं करते थे। हमारी उंगलियों में इन तत्वों की विशेषता होती है और इनमें से प्रत्येक पांच तत्वों का शरीर के अंदर एक विशिष्ट (specific) और महत्वपूर्ण कार्य होता है। यही वजह है कि आज भी लोग योग मुद्रा का अभ्यास करते हैं।
जैसा कि आप जानते है कि शरीर में पांच तत्व मौजूद होते हैं और इन तत्वों (elements) के असंतुलित होने पर व्यक्ति व्याधियों से जकड़ जाता है। इन पांच तत्वों की विशेषता हमारे हाथों की उंगलियों में समाहित होती है। हाथ की पांच उंगलियों में वायु तर्जनी उंगली पर, जल छोटी उंगली पर, अग्नि अंगूठे पर, पृथ्वी अनामिका उंगली पर और आकाश (space) मध्यमा उंगली पर स्थित होता है।
पिछले अंक में हमने हस्त मुद्राओं के विभिन्न प्रकार बताकर जल (वरुण ) मुद्रा ज्ञान मुद्रा वायु मुद्रा और शून्य मुद्रा के बारे में विस्तार से बताया। इन योग मुद्राओं को करने का तरीका महत्व और लाभों को भी बताया। इसी कड़ी में हम आज जानेंगे सूर्यमुद्रा के बारे में ..
योग करने के फायदों के बारे में आप सभी जानते ही होंगे लेकिन आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है इसकी एक मुद्रा के से होने वाले हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में और वो है सूर्य मुद्रा इसे करने से आप कई तरह के फायदे पा सकती हैं। सबसे खास बात ये है कि इसे करना बहुत ही आसान है और आपको इसे सिर्फ 5 मिनट ही करना हैं। सूर्य मुद्रा शरीर में पृथ्वी तत्व को कम करके शरीर में अग्नि तत्व को भर देती हैं, जिससे आपके शरीर में एनर्जी बढ़ जाती हैं और आलस दूर होता है।
तो चलिए आज जानते है सूर्य मुद्रा को
सूर्य मुद्रा
Mudra of the Sun इसे सूरज की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। इससे शरीर के तापमान को बनाये रखने और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर में ताप उत्पन्न करता है। इसलिये अगर आपको ठंड के मौसम में सर्दी लग रही हो, तो इस मुद्रा को अपनायें।आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है।आपके शरीर में पाचन में मदद करती है।आपकी बॉडी में फैट कंटेंट को घटाती है। यह मुद्रा व्यक्ति के शरीर में सूर्य तत्व (sun element) को संतुलित रखने में मदद करता है। सूर्य की ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए यह मुद्रा तड़के सुबह (early morning) करना चाहिए।
सूर्य मुद्रा के लाभ
सूर्य मुद्रा का अभ्यास करने से वजन नियंत्रित रहता है
मोटापे की समस्या नहीं होती है।
यह मुद्रा शरीर में अग्नि तत्व को बढ़ाता है
शरीर के तापमान (body temperature) को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
सूर्य मुद्रा पाचन की समस्या,भूख न लगने की समस्या को ठीक करता है
यह मुद्रा कंपकंपी, हाथों और पैरों में अधिक ठंड लगने से बचाने में प्रभावी रूप से कार्य करता है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने और पाचन क्रिया को बेहतर रखने में भी यह मुद्रा फायदेमंद है।
सूर्य मुद्रा करने की विधि
समतल जमीन पर स्वच्छ आसन बिछाकर सुखासन में आराम से बैठ जाएं।
अपनी अनामिका उंगली (ring finger) को बीच से मोड़े और इसके ऊपर अंगूठे को मोड़कर इसके पोर को रखें और हल्का सा अनामिका उंगली के ऊपर अंगूठे से दबाव बनाए रखें।
हथेली की बाकी उंगलियों को एकदम सीधे रखें और इन्हें झुकाएं नहीं।
तड़के सुबह रोजाना इस मुद्रा का आधे घंटे तक अभ्यास करें।
यह क्रिया सूर्य मुद्रा कहलाती है