5 दिसंबर को मृदा दिवस के रूप में मनाया गया

पाँच दिसम्बर विश्व मृदा दिवस मनाया गया।
च0शे0आ0कृषि एवं प्रौ0विश्वविद्यालय, कानपुर के नियंत्रण के कृषि विज्ञान केन्द्र,कन्नौज पर किसानों को प्रशिक्षण।
रसायनिक खादौ और कीटनाशक से मिट्टी की उर्वरक शक्ति समाप्त की ओर।
*
रिपोर्ट- एस0एन0त्रिपाठी*
कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी,कन्नौज में आज दिनांक 5 दिसंबर 2020 को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ वीके कनौजिया ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों के साथ-साथ आम जनमानस को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है।उन्होंने बताया कि मृदा निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें 1 इंच मिट्टी की परत के निर्माण में 500 से 2000 वर्ष लग जाते हैं इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखें। उन्होंने बताया कि विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित है उन्होंने कहा कि इस वर्ष का अभियान है मिट्टी को जीवित रखना, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना है।उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लिए दवाओं के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मृदा संरक्षण पर विशेष बल दिया जाए उन्होंने इस अवसर पर किसानों को एक नारा भी दिया कि स्वस्थ धरा, तो खेत हरा। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने बताया कि किसान भाई अपने खेतों का मृदा परीक्षण अवश्य कराएं। जिससे मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों की सही जानकारी मिल जाती है। उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी कि मिट्टी परीक्षण द्वारा फसल के लिए उर्वरकों की उचित मात्रा की सिफारिश की जाती है। खादों के प्रयोग का समय तथा तरीके के बारे में पूर्ण जानकारी मिलती है।मिट्टी परीक्षण द्वारा छारीय और लवणीय भूमियों की समस्या और उनके सुधारने के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने किसान भाइयों से अपील की कि वे अपनी मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केंचुए की खाद एवं नाडेप कंपोस्ट तथा हरी खाद का प्रयोग अवश्य करें जिससे मृदा में जीवांश कार्बन की बढ़ोतरी हो। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉ पूनम सिंह ने पोषण वाटिका से संबंधित किसानों को विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ विनोद दोहरे ने किया। जबकि अतिथियों का स्वागत उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अमर सिंह ने किया। अंत में सभी अतिथियों का धन्यवाद डॉ शशिकांत ने किया इस अवसर पर मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव ,अमित सिंह सहित किसान जितेंद्र सिंह, रामनाथ, वीरभान सिंह सहित लगभग एक सैकड़ो किसान भाई उपस्थित रहे।