श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण के बाल लीला की कथा सुन भाव विभोर हुये श्रोता

श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण के बाल लीला की कथा सुन भाव विभोर हुये श्रोता
रिपोर्ट मनोज रुंगटा
रुद्रपुर देवरिया रुद्रपुर नगर के नशहरा वार्ड में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्री मद भागवत कथा के पाचवे दिन श्री धाम बृंदावन से पधारे कथा व्यास पुज्य श्री गंगोत्री तिवारी मृदुल जी महाराज श्री कृष्ण भगवान के पावन बाल चरित्रों का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण भगवान गोपियों का माखन ही नही गोपियों के चित्त की भी चोरी की है ये गोपियां कोई और नही है ये बेदो की ऋचाएं है राधेश्याम अलग अलग नही है अपितु एक आत्मा दो शरीर है कृष्ण ही राधा है राधा ही कृष्ण है इनमें कोई भेद नही है ये माखन मटकी का जो भाव है भागवत में कि भगवान गोपियों के माखन चुराते थे तो ये मटकी हमारा शरीर है और उसमें का माखन हमारी आत्मा है तो अगर आध्यात्मिक भाव से देखा जाए तो भगवान माखन नही अपितु हमारा मन चुराते थे भगवान जब गौ ग्वाल की रक्षा करते गौ पालन करते इसलिए इनका नाम पड़ता गोपाल गोबिंद भगवान ने इनकी रक्षा करते हुए इंद्र के भी अभिमान को तोड़ा ब्रम्हा जी के भी वहम को समाप्त किया अनेका नेक असुरों का वध करते हुए अपने गऊ ग्वाल बछड़ो व भक्तों की रक्षा किये
इस अवसर पर उपस्थित लेखपाल योगेंद्र तिवारी पद्माकर द्विवेदी राम प्रवेश तिवारी संतोष तिवारी रामायण शुक्ला बिरेन्द्र शुक्ला राजाराम निषाद श्रवण गुप्ता सहित भक्त उपास्थित होकर कथा का श्रवण किया