देश में कोरोना: बीते 24 घंटे में कोरोना के 173 नए केस, केंद्र ने कहा- अभी दूसरे बूस्टर डोज की जरूरत नहीं, XBB.1.5 वैरिएंट खतरनाक, वैक्सीन भी नहीं रोक पाएगी, भारत मे खतरा कम

देश में कोरोना: बीते 24 घंटे में कोरोना के 173 नए केस, केंद्र ने कहा- अभी दूसरे बूस्टर डोज की जरूरत नहीं, XBB.1.5 वैरिएंट खतरनाक, वैक्सीन भी नहीं रोक पाएगी, भारत मे खतरा कम
देश में कोरोना के मामले मामूली गति बढ़ रहे हैं. इस बीच न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि अभी देश में बूस्टर डोज की दूसरी खुराक नहीं दी जाएगी. जब तक सभी नागरिकों को प्रिकॉशन डोज नहीं दी जाती, तब तक सरकार इस पर कोई फैसला नहीं लेगी.
पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 173 नए मामले सामने आए हैं और 3 मरीजों की मौत हो गई। फिलहाल कोरोना के 1698 एक्टिव केस हैं. उधर, सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सोमवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे. यहां उन्होंने कोरोना परीक्षण और स्क्रीनिंग की सुविधा की समीक्षा की.
अमेरिका में कोरोना का नया सब वैरिएंट XBB.1.5 मिला है. ये अब तक का सबसे तेज फैलने वाला वैरिएंट बताया जा रहा है. इसकी रफ्तार पहले के वैरिएंट से 104 गुना ज्यादा तेज है. हमारे शरीर में घुसने के बाद सबसे पहले ये वायरस कोशिका के प्रोटीन पर असर करता है. ये शरीर के अंदर संक्रमण फैलने का पहला स्टेज है. इस वायरस की कोशिका से चिपकने की कैपेसिटी बाकी वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा है. यही वजह है कि ये ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है.
दुनिया में जितनी भी वैक्सीन बनी हैं, उनकी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने की क्षमता केवल 30 से 40 फीसदी है. ज्यादातर वैक्सीन कोरोना के पहले वैरिएंट अल्फा वायरस से लोगों को बचाने के लिए बनाई गई थी लेकिन तब से अब तक कोरोना वायरस अपना कई बार रूप बदल चुका है. हालांकि, कुछ वैक्सीन को अपडेट करके BA5 सब वैरिएंट से बचाने के लिए बनाया गया है. इसके बावजूद जैसे-जैसे नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, इन वैक्सीन का प्रोटेक्शन इंडेक्स यानी सुरक्षा देने की कैपेसिटी घटती जा रही है.
भारत में नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से आने वाली दूसरी लहर की तरह तबाही नहीं मचा पाएगा. इसकी वजह यह है कि भारत में वैक्सीनेशन का पहला डोज लगभग 95% लोगों को लगाया जा चुका है. इसके अलावा 90% को डबल डोज वैक्सीनेशन लग चुकी है. ऐसे में संक्रमण फैल भी जाता है तो अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रहेगी.