H S live news

No.1 news portal of UP

दुर्घटना में आर्थिक क्षतिपूर्ति, आपके पास है डेबिट या क्रेडिट कार्ड तो जान ले कि कितने इन्षुरेन्स से कवर है आप

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female”]

दुर्घटना में आर्थिक क्षतिपूर्ति, आपके पास है डेबिट या क्रेडिट कार्ड तो जान ले कि कितने इन्षुरेन्स से कवर है आप_

प्रतापसिंह

आज के दौर में हम कई तरह के कार्ड जैसे डेबिट कार्ड (Debit Card) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) रख तो लेते हैं लेकिन हमें नहीं मालूम होता कि इसमें कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं. बहुत से बैंक डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर इंश्योरेंस मुहैया कराते हैं. कार्ड किस प्रकार का है, उसी हिसाब से उसमें इंश्योरेंस कवर मिलता है.

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंज्यूमर एक्टिविस्ट टी. सदगोपन ने कहा कि उन्हें इंश्योरेंस कवर के बारे में एक सोशल मीडिया पोस्ट और हाल ही में एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के कार्ड के विज्ञापन के माध्यम से पता चला.

चेन्नई स्थित इंडियन बैंक (Indian Bank) के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक रुपे कार्ड प्रोग्राम के तहत डेबिट कार्ड के लिए इंश्योरेंस कवर प्रदान करता है क्योंकि यह केवल रुपे डेबिट कार्ड जारी कर रहा है.

उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा जारी सभी क्रेडिट कार्ड प्रकार बीमा कवरेज के लिए पात्र हैं. ग्राहकों को आकस्मिक मृत्यु और स्थायी पूर्ण विकलांगता के लिए इंश्योरेंस की पेशकश की जाती है.

50 हजार से 10 रुपये लाख तक का इंश्योरेंस कवर
अधिकारी ने कहा कि इंश्योरेंस कवरेज डेबिट और क्रेडिट कार्ड के वेरिएंट के आधार पर 50 हजार से 10 रुपये लाख तक होता है. उन्होंने कहा कि पर्सनल पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी केवल दुर्घटनाओं या आकस्मिक चोटों के कारण होने वाली मृत्यु को कवर करती है जो गैर-इरादतन हैं या स्वयं को नहीं दी गई हैं.

एचडीएफसी बैंक के सूत्रों ने कहा कि इंश्योरेंस कवरेज इस बात पर निर्भर करता है कि ग्राहक का बैंक के साथ किस तरह का संबंध है और डेबिट और क्रेडिट कार्ड दोनों के लिए बीमा कवरेज 2 लाख से शुरू होता है और 10 लाख रुपये तक जाता है.

एक्टिव यूज में होना चाहिए कार्ड
सदगोपन कहते हैं कि ग्राहकों को दी जा रही ऐसी सुविधाओं के बारे में जागरूकता की कमी है और यह बैंकों का कर्तव्य है कि वे ग्राहकों को सूचित करें. इंश्योरेंस का दावा करने की शर्तों में से एक यह है कि कार्ड एक्टिव यूज में होना चाहिए और दावे एक विशेष टाइम फ्रेम के भीतर किए जाने चाहिए.

90 दिनों के भीतर दावे की सूचना जरूरी
उदाहरण के लिए रूपे इंश्योरेस प्रोग्राम के तहत दुर्घटना की तारीख से 90 दिनों के भीतर दावे की सूचना दी जानी चाहिए और दावे से संबंधित सभी सहायक दस्तावेज सूचना की तारीख से 60 दिनों के भीतर जमा किए जाने चाहिए. इसके अलावा कार्डधारक को दुर्घटना की तारीख से 90 दिन पहले एक एक्टिव ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल या नॉन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन) करना चाहिए था ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top News

Copyright © All Rights Reserved, HS live news | Website Developed by 8920664806
HS Live news को आवश्यकता है पुरे भारतवर्ष मे स्टेट हेड मंडल ब्यूरो जिला ब्यूरो क्राइम रिपोर्टर तहसील रिपोर्टर विज्ञापन प्रतिनिधि तथा क्षेत्रीय संबाददाताओ की खबरों और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे:- 9648407554,8707748378,इमेल [email protected]