फसल अवशेषों को जलाने पर दण्ड का प्राविधान, खेत की उर्वरा शक्ति भी होती है खराब आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में निभायें अपनी भागीदारी-डीएम

आगजनी के घटनाओं के रोकथाम के लिये एहतियाती उपायो को अपनाया जाना आवश्यक
फसल अवशेषों को जलाने पर दण्ड का प्राविधान, खेत की उर्वरा शक्ति भी होती है खराब
आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में निभायें अपनी भागीदारी-डीएम
रिपोर्ट हरिशंकर त्रिपाठी
*देवरिया 08 अप्रैल। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने फसलो में आगजनी की घटनाओं को लेकर इसके रोकथाम के लिये आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी लोगो से एहतियाती उपायो को अपनाये जाने पर बल दिया है। साथ ही उन्होने आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिये जनजागरुकता की आवश्यकता जताई है। उन्होने कहा है कि लोग जागरुक हों तथा कृषि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइनो का पालन करें और आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में अपनी भागीदारी निभाये। उन्होने यह भी कहा है कि किसी भी दशा में फसल अवशेषों को कदापि न जलाये, इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी खराब होती है तथा दण्ड का भी प्राविधान है।
इसी क्रम में जिलाधिकारी श्री निरंजन ने बताया कि खेत में फसल अवशेष जलाये जाने पर
दो एकड़ से कम भूमि होने पर 2500 रू० प्रति घटना, दो एकड से अधिक किन्तु 5 एकड तक भूमि होने पर 5000 रु0 प्रति घटना, 5 एकड से अधिक भूमि होने पर रू0 15000 प्रति घटना तक का जुर्माना संबंधित कृषकों पर लगाया जायेगा। कम्बाइन हारवेस्टर से पूरी तरह पकी फसल की ही कटाई कराई जाय।
फसल पूरी तरह पकी न होने पर नमी के कारण भुसा/पत्तियां/बालियां कृषि यंत्रों के घमने वाले हिस्से (रोटेटिंग शाॅफ्ट) से चिपक जाते हैं, जिनसे रगड लगने पर निकालने वाली चिंगारी से आग लगने की आशंका बनी रहती है। किसी कृषक द्वारा अपने खेत में फसल अवशेष को जलाने की पुनरावृत्ति करने पर से सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं यथा अनुदान आदि से वंचित कर दिया जायेगा। उन्होने कृषको तथा जन सामान्य से अपील की है कि खेत में पकी फसल के आसपास धूम्रपान न करे तथा धूम्रपान उपरान्त सुलगती हुई बीडी/सिगरेट खेतों में कदापि न फेकें।
जिलाधिकारी ने बताया है कि जनपद में रबी की मुख्य फसल गेहूॅ की कटाई प्रारम्भ हो चुकी है। गेहू की कटाई प्रायः कम्बाइन हार्वेस्टर से करायी जाती हैं तथा कटाई के उपरान्त स्ट्रारीपर के माध्यम से भूसा बनाया जाता हैं। इस प्रक्रिया में प्रयोग वाले कृषि यंत्रों का समुचित रख-रखाव न होने तथा कषको द्वारा सावधानी नही बरते जाने के कारण विगत कुछ दिनों में आगजनी की घटनाये हुई है। आगजनी के घटनाओं के रोकथाम के लिये एहतियाती उपायो को अपनाया जाना आवश्यक है। कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के उपरान्त फसल अपशेष के ऊपर 20 कि0ग्रा0 यूरिया प्रति एकड़ की दर से बुरकाव करके मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर देने पर मिट्टी में दबे फसल अवशेष सड जाते है तथा मृदा में कार्बनिक जीवांश की बढोत्तरी होती है जिससे मृदा स्वास्थ तथा खेत की उर्वरता पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। फसल कटाई के समय प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, स्ट्रारीपर, थे्रशर इत्यादि का रख रखाव समुचित तरीके से करें। इन यंत्रो के प्रयोग के समय यह सुनिश्चित कर लें कि इसमें किसी प्रकार की टूट-फूट न हो, कोई नट /बोल्ट ढीला न हो। इसी प्रकार का आयल लीकेज न हो, बैट्री, स्टार्टर तथा सभी वायर कनेक्शन साफ सुधरे हो, सही ढंग से कार्य कर रहे हो तथा चलाने पर किसी प्रकार की चिंगारी न निकल रही हो । बैट्री के टर्मिनल विशेष रूप से कसे होने चाहिए अन्यथा चिंगारी निकलने का खतरा अधिक होता है। इन यंत्रों के साइलेंसर घर स्पार्क अरेस्टर लगाना सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहता है।
इसी क्रम में उप निदेशक कृषि डा ए के मिश्र ने आगजनी की घटनाओं के रोकथाम के लिये उपायो के क्रम में बताया है कि वर्तमान में तापमान अधिक होने तथा हवा चलने के कारण आग अगल-बगल के खेतों तथा आबादी में फैल कर भीषण आग का रूप ले सकती है। खेत में बिजली के खम्भे या ट्रासफार्मर लगे होने पर इनके आस-पास की फसल कटाई से मजदूरों कराई जाय तथा खम्भो तथा ट्रान्सफार्मर के आस-पास का सुरक्षित क्षेत्र पानी से नम रखा जाय। स्ट्रारीपर भूमि की सतह के बहुत नजदीक से चलाये जाने पर भूमि की सतह पर पडे कंकड, पत्थर पुराने नट बोल्ट आदि स्ट्रारीपर द्वारा उठा लिया जाता है। जिनसे रगड़ के कारण चिंगारी निकलने व आग लगने का खतरा अधिक रहता है। यदि फसल की कटाई में प्रयोग किये जा रहे कर यंत्र में किसी प्रकार का रिपेयर किया जाना हो तो ऐसे यंत्र को फसल को दूर खाली स्थान पर खडा करके ही रिपेयर का कार्य करे। फसल कटाई के समय निकटस्थ ट्यूवबेल/टेंकर से पानी की तुरन्त उपलब्धता की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। ताकि आग लगने पर तुरन्त बुझाकर आग फैलने से रोका जा सके।