राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान द्वारा एक माह का हरित कौसल विकास कार्य क्रम का हुआ शुभारंभ *भारत के पढे-लिखे युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए योग्य बनाने की होगी कोशिश

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान द्वारा एक माह का
हरित कौसल विकास कार्य क्रम का हुआ शुभारंभ
भारत के पढे-लिखे युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए योग्य बनाने की होगी कोशिश
रिपोर्ट-एस0एन0त्रिपाठी
सी.एस.आई.आर- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मत्रांलय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वधान में हरित कौषल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ’उधोगों हेतु हरित पट्टिका का विकास’ एवं ’’प्रदूषण अनुश्रवण : मृदा प्रदूषण’’ विषयों पर एक माह की अवधि के राष्ट्रीय स्तर के सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया जा रहा है ।
हरित कौषल विकास कार्यक्रम, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मत्रांलय तथा राष्ट्रीय कौषल विकास परिषद द्वारा पर्यावरण एवं वानिकी क्षेत्रों में कौशल विकास हेतु उठाया गया एक अद्वितीय कदम है ताकि भारत के पढें लिखे युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जा सके ।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मत्रांलय तथा राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद द्वारा इन दोनों को ही राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के संचालन के लिए सी.एस.आई.आर- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ का चयन किया गया है। सी.एस.आई.आर- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रेक्षागार में इन दोनों ही कौशल विकास कार्यक्रमों का उद्धघाटन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की वैज्ञानिक डा0 रिचा राय द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया । जिसके पश्चात् डा0 अन्जू पटेल द्वारा इन कार्यक्रमों के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई । संस्थान के निदेषक प्रो0 एस0के0 बारिक ने इन कार्यक्रमों के महत्व तथा पूर्व में आयोजित सम्मान कार्यक्रमों एवं उनकी सफलताओं की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की । प्रो0 बारिक ने डा0 हर्शवर्धन, माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन मत्रांलय भारत सरकार द्वारा इन कौशल विकास कार्यक्रमों से की गई अपेक्षाओं की जानकारी दी। उक्त कौशल विकास कार्यक्रम सम्पूर्ण भारत वर्ष में मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित 25 कार्यक्रमों में सम्मिलित है। प्रो0 बारिक ने इस अवसर पर कार्यक्रम की राज्य स्तरीय चयन एवं सलाह समिति के विषय में भी बताया जिसने कि इस कार्यक्रम में प्रतिभागिता हेतु राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड, महाराष्ट्र, बिहार एवं उड़ीसा के 50 प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अथिति प्रो0 संजय सिंह, कुलपति, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ ने अपने सम्बोधन में ’उधोगों हेतु हरित पट्टिका का विकास’ एवं ’’प्रदूषण अनुश्रवण : मृदा प्रदूषण’’ पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकताओं पर बल दिया एवं प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया । उन्होने कहा मृदा प्रदूषण अनुश्रवण एवं उघोगों हेतु हरित पट्टिका का विकास एक अति महत्वपूर्ण विषय है एवं साथ ही उन्होने हरित कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ऐसे कोर्सो के संचालन के लिए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान को बधाई दी । श्री सुनील त्रिपाठी,प्रोग्राम आफिसर (इनविश) के कार्यों की सराहना की गई । कार्य क्रम के अन्त में डा0 रिचा राय ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया ।