च0शे0आ0कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर मे सहायक लेखाधिकारी के पद पर शासनदेश के विरूद्ध हुई पदोन्नति पर घमासान

च0शे0आ0कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर मे सहायक लेखाधिकारी के पद पर शासनदेश के विरूद्ध हुई पदोन्नति पर घमासान ।
एस0एन0त्रिपाठी की रिपोर्ट–
विश्वविद्यालय प्रशासन के व्दारा आदेश स0 652 दिनांक 11-1-2018 से चार लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों को बरिष्ठता के आधार पर प्रबन्ध मण्डल के सहमति की प्रत्याशा मे सहायक लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति कर दी गई थी, शासन का निर्देश था कि पदोन्नति सामान्य एव लेखावर्ग की बरिष्ठता अलग अलग तैयार कर पदोन्नति की जाय । विश्वविद्यालय प्रशासन व्दारा पूर्व की भांति एकही बरिष्ठता तैयार कर आदेश किया गया। विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल की बैठक दिनांक 25-4-2018 मे हुए निर्णय मे इसे नीतिसंगत नही माना । प्रबंध मंडल के निर्णय पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति/ महामहिम राज्यपाल को प्रकरण भेजा गया।
कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी के पत्र स0 ई-6348/18-जी एस/2020 दि027-10-2020 व्दारा प्रबन्ध मण्डल के निर्णय को सही पाया । इस तरह पदोन्नति निरस्त होना चाहिए परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन व्दारा कोई कार्यवाही नही की गई है।
गैर तकनीकी कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष श्री राज नारायण तिवारी ने कुलपति को पत्र लिखकर मांग की है किझ शासन/कुलाधिपति के निर्णय का पालन विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र करे ।
विश्व विद्यालय के वित्त नियंत्रक से वार्ता में बताया कि यह गिरजा शंकर कटियार का मामला है निर्णय प्रशासन को करना है ।
विश्व विद्यालय के प्रशासन अधिकारी एस पाल मलिक ने वताया वे प्रोफेसर है प्रशासन का चार्ज है अभी आफिस में नहीं हूँ, कार्यवाही हो रही है । हरिश्चंद्र से उनका पक्ष लिया उनका कहना है यदि कार्यवाही हुई तो कोर्ट चलें जाए गे ।